गुजरात के बाद नागपुर में दूसरा पुल हादसा, उद्घाटन से पहले ही धंसा पुल, सरकार पर उठे सवाल!

Nagpur Bridge : महाराष्ट्र के नागपुर में गुरुवार को एक बड़ा हादसा सामने आया, जब न्यू कामठी और ड्रैगन पैलेस को जोड़ने वाला पुल उद्घाटन से पहले ही धंस गया। यह घटना पूरे शहर में खलबली मचा गई है और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ सवाल खड़े हो रहे हैं। यह पुल पिछले पांच वर्षों से निर्माणाधीन था और अब उसकी हालत पूरी तरह खस्ता हो चुकी है, जिससे निर्माण में गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना शहर के यादव नगर गवलीपुरा इलाके की है। करोड़ों रुपये की लागत से बना यह फ्लाईओवर अभी पूरी तरह से तैयार भी नहीं हुआ था कि हालिया मूसलाधार बारिश ने इसकी पोल खोल दी। बारिश के कारण पुल की सतह पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए, जिससे स्पष्ट हो गया है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी की गई है।

जानकारियों के मुताबिक, यह फ्लाईओवर नागपुर ग्रामीण क्षेत्र के न्यू कामठी से ड्रैगन पैलेस को जोड़ता है। निर्माण कार्य पांच वर्षों से चल रहा था, लेकिन बारिश और समय से पहले ही इसका बुरा हाल हो गया।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, पुल की ऊपरी परत पर डामर बिछाया गया था, लेकिन बारिश के पानी के कारण सतह धंस गई और नीचे की मिट्टी बाहर आ गई। इससे संकेत मिलता है कि निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ है, जो भविष्य में बड़े हादसों को जन्म दे सकता है।

इसके अलावा, यह भी बताया जा रहा है कि निर्माण कार्य की देखरेख करने वाले अधिकारी और संबंधित विभाग इस हादसे के बाद अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दे सके हैं। स्थिति को लेकर विभाग की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है, जिससे जनता में नाराजगी और चिंता बढ़ गई है।

यह घटना भारत में बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करती है। इससे पहले वड़ोदरा के गंभीरा पुल हादसे और गुरुग्राम की सड़कों के धंसने की घटनाएं भी हो चुकी हैं, जहां भारी बारिश के बाद पुल और सड़कें ढह गई थीं। ये घटनाएं साफ तौर पर दर्शाती हैं कि भारत में बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता और उसकी मजबूती के प्रति गंभीर और जवाबदेह जांच की आवश्यकता है।

इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग और अनियमितता कितनी खतरनाक हो सकती है। अभी तक संबंधित विभाग की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न आना, कार्य की गंभीरता और जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करता है।

यह घटना एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है कि देशभर में बुनियादी ढांचे के निर्माण और उसकी सुरक्षा को लेकर कड़ी निगरानी और गुणवत्ता जांच की आवश्यकता है। साथ ही, दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।

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