तमकुहीराज, कुशीनगर। एसडीएम तमकुहीराज ऋषभ पुंडीर द्वारा शुक्रवार को कोर्ट में बैठकर वादकारियों की मौजूदगी में न्यायिक कार्य का निष्पादन करने से बौखलाए अधिवक्ताओं ने इन पर अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर दिया। साथ ही तहसील परिसर में नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन भी किया ।
अधिवक्ताओं ने डीएम को पत्रक सौंप कर कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए तबादले की मांग कर डाली। साथ ही यह भी चेतावनी दे डाला कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती आंदोलन जारी रखेंगे। अधिवक्ताओं के धरना आंदोलन के कारण तहसील परिसर में घंटो गहमागहमी का माहौल रहा।
बता दें कि शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने नवागत एसडीएम ऋषभ देवराज पुंडीर पर तमाम आरोप लगाते हुए कहा कि अधिवक्ताओं एवं वादकारियो से अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप लगाया। बैठक को संबोधित करते हुए बार संघ अध्यक्ष विनोद सिंह पटेल का कहना था कि एसडीएम तमकुहीराज ने संघ के सदस्य एवं अधिवक्ता उमेश वर्मा से अमर्यादित आचरण किया है। जिसके बाद अधिवक्ता आक्रोशित हो गए। अधिवक्ताओं ने एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उपजिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष पहुंच धरना प्रदर्शन किया।
अधिवक्ताओं के धरना प्रदर्शन के कारण तहसील परिसर में घंटो गहमागहमी बनी रही। इस दौरान बार संघ के निवर्तमान अध्यक्ष अशोक कुमार राय ने कहा कि एसडीएम के स्थानांतरण होने तक वह न्यायिक कार्य से विरत रहकर धरना आंदोलन जारी रखेंगे। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता पुष्करलाल श्रीवास्तव, दीपक कुमार पाण्डेय, प्रदीप लाल श्रीवास्तव, एचएन सिंह, अरविंद पाठक, शंभू राय, राम प्रवेश सिंह, अजय राय, शंभू ठकुराई, संजय गुप्ता, सूर्यनाथ सिंह, अमरनाथ सिंह, अशोक पाण्डेय, प्रधुम्मन चौबे, मार्कंडेय वर्मा, अखिलेश्वर दूबे, आरएन पांडेय, ऋषिकेश तिवारी, नंदलाल प्रसाद आदि मौजूद रहे।
नियमविरुद्ध आदेश न करने व कोर्ट में बैठने से नाराज हैं अधिवक्ता: एसडीएम
अधिवक्ताओं से उपजे विवाद के संबंध में एसडीएम तमकुहीराज ऋषभ पुंडीर ने कहा कि गुरुवार को सुबह 10 बजे अधिवक्ता उमेश वर्मा एक मुवक्किल का प्रार्थना पत्र लेकर आये और कहा कि नगर पंचायत क्षेत्र में एक नामांतरण का आदेश पारित कर दें। जिस पर मैंने कहा कि इस मामले में अधिकार नगर पंचायत अध्यक्ष व ईओ को ही है। लिहाजा मैं आदेश नहीं कर सकता। इसके बाद उनके अनुनय विनय पर मैंने ईओ को मार्क कर दिया।
दूसरी तरफ अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट नहीं करने के कारण काफी समय से कोर्ट नहीं हो पाया। चूंकि आज महीने की आखिरी तारीख थी ,लिहाजा वादकारियों की मौजूदगी में लगभग तीस मामले को मेरे द्वारा सुना गया। बस यही असली वजह थी अधिवक्ताओं के आगबबूला होने की। नतीजतन कल के जिस मामले को मुद्दा बनाकर पेश किया जा रहा है, कल से लेकर आज तक अधिवक्ताओं के किसी जिम्मेदार पदाधिकारी या प्रतिनिधिमंडल ने मुझ से कोई संपर्क नहीं किया। फिर आज अचानक कोर्ट में बैठने के बाद वो क्यों नाराज हो गए ? अधिवक्ताओं के लिए मेरा दरवाजा हमेशा खुला है, क्योंकि सबकी मंशा जनता को त्वरित न्याय देना ही है