₹2,000 करोड़ से 500+ छात्र संख्या वाले विद्यालयों को मिलेगा ‘आदर्श स्कूल’ का दर्जा…योगी सरकार का शिक्षा पर बड़ा दांव

– मुख्यमंत्री योगी की अगुवाई में परिषदीय विद्यालयों के कायाकल्प की ऐतिहासिक योजना स्वीकृत

– बेसिक शिक्षा विभाग की अब तक की सबसे बड़ी निवेश योजना

– भवन निर्माण, संसाधन सुदृढ़ीकरण, पेयजल, शौचालय, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, एमडीएम शेड, रैंप और चारदीवारी जैसी सुविधाएं पर होगा खर्च

– अब शिक्षा का मतलब सिर्फ उपस्थिति नहीं, उत्कृष्टता भी है: संदीप सिंह

लखनऊ ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संपूर्ण कायाकल्प के लिए ₹2,000 करोड़ की एकमुश्त बजट व्यवस्था को स्वीकृति दी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए तैयार की गई यह योजना बेसिक शिक्षा विभाग की अब तक की सबसे बड़ी निवेश योजना मानी जा रही है। इसे अनुदान संख्या-71 के अंतर्गत ‘वृहद निर्माण कार्य मद’ से क्रियान्वित किया जायेगा।

इस सम्बन्ध में बेसिक शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश संदीप सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में हम शिक्षा को सिर्फ विद्यालय उपस्थिति तक सीमित न रखते हुए उसे संरचनात्मक, तकनीकी और बौद्धिक रूप से समृद्ध बनाने के संकल्प के साथ कार्य कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश को देश के शिक्षा के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में स्थापित करें। हम हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के लिए नवाचार, पारदर्शिता और समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं।

शिक्षा के बुनियादी ढांचे में ऐतिहासिक निवेश
इस योजना के अंतर्गत प्रदेशभर में संचालित परिषदीय विद्यालयों में भवन निर्माण, संसाधन सुदृढ़ीकरण, पेयजल, शौचालय, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, एमडीएम शेड, रैंप और चारदीवारी जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन प्राथमिक शिक्षा, आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के अनुरूप ही इस कार्य योजना को गति दी जायेगी। बता दें कि शिक्षा में सुधार केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका सीधा लाभ बच्चों की सीखने की गुणवत्ता और विद्यालयी जीवन के अनुभव पर भी दिखेगा।

योगी सरकार की रणनीतिक सोच, अब नामांकन के आधार पर होगा विकास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच के अनुरूप, यह योजना अब केवल भवन निर्माण तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसका फोकस प्रभावी उपयोग और क्रियाशीलता पर भी होगा। प्रायः यह देखा गया है कि कम नामांकन वाले विद्यालयों में संसाधनों के बावजूद अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते, जबकि अधिक छात्रसंख्या वाले विद्यालयों में संसाधनों की सीमितता के बावजूद बेहतर उपयोग होता है। इसी परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2025-26 में 500 या अधिक छात्रसंख्या वाले विद्यालयों को ‘आदर्श विद्यालय’ के रूप में पुरस्कार स्वरूप उच्चीकृत किया जाएगा। इन विद्यालयों को स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी रूम, मल्टीपरपज हॉल, क्लब रूम, कंप्यूटर और ICT लैब, ‘लर्निंग बाय डुइंग’ स्पेस और एमडीएम शेड सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी।

‘शिक्षा के साथ बौद्धिक, तकनीकी और सामाजिक विकास’: कंचन वर्मा
महानिदेशक स्कूल, कंचन वर्मा का कहना है कि इस रणनीति से प्रदेश के स्कूलों में छात्र नामांकन में वृद्धि, पियर लर्निंग का विस्तार, सक्रिय सहभागिता और अनुभवात्मक अधिगम को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही शिक्षकों के लिए भी समय सारणी आधारित कक्षा आवंटन, कार्य विभाजन और सह-शिक्षण की व्यवस्थाएं और अधिक प्रभावी होंगी।

वित्त विभाग ने कहा, ‘दोहराव नहीं, दक्षता हो प्राथमिकता’
वित्त (आय-व्ययक) अनुभाग-1 द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कोई भी कार्य दोहराव में नहीं होगा। कार्यदायी संस्थाओं का नामांकन नियमानुसार होगा। क्रियान्वयन की निगरानी राज्य स्तर पर सुनिश्चित की जाएगी और योजना के अंतर्गत कार्यों की गति, गुणवत्ता और पारदर्शिता सर्वोपरि होगी।

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एक नजर में तथ्य
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कुल बजट- 2000 करोड़ (4202 लेखा शीर्षक के अंतर्गत)

प्रमुख फोकस- (विद्यालयों का उच्चीकरण, विशेष रूप से 500+ नामांकन वाले विद्यालय)

विशेष संरचनाएं- (स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, मल्टीपरपज हॉल, क्लब रूम आदि)

लक्ष्य- गुणवत्तापूर्ण, समावेशी और तकनीक-समर्थ शिक्षा वातावरण तैयार करना।

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