सरोजिनी नायडू जयंती : मैं सोच भी बदलता हूं,…मैं नजरिया भी बदलता हूं,..मिले ना मंजिल मुझे,…तो मैं उसे पाने का जरिया भी बदलता हूं,….केजीएमयू में महिला सशक्तीकरण

लखनऊ। मैं सोच भी बदलता हूं,…मैं नजरिया भी बदलता हूं,..मिले ना मंजिल मुझे,…तो मैं उसे पाने का जरिया भी बदलता हूं,….बदलता नहीं अगर कुछ,….तो मैं लक्ष्य नहीं बदलता हूं,…उसे पाने का पक्ष नहीं बदलता हूं।… यह कविता है स्वर कोकिला सरोजिनी नायडू की। वो आजादी के पूर्व महिला सशक्तीकरण की सशक्त आवाज थी। गुरुवार को पूरे देश में राष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम से मनाया गया।

स्वतंत्रता सेनानी और कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष व यूपी की पहली महिला राज्यपाल रहीं। गुरूवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। छात्राओं को महिला सशक्तीकरण के लिए उनके योगदान की चर्चा की गई। बता दें सरोजिनी नायडू की जयंती महिला अधिकारों की वकालत करने के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें सशक्त बनाने का संदेश देता है।

कार्यक्रम में केजीएमयू की कुलपति पद्मश्री प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद मुख्य अतिथि थीं। आज के आयोजन में उन्होंने केजीएमयू के सभी छात्रों को प्रबुद्ध और आशीर्वाद दिया। वक्ता बबिता सिंह, एसपी विजिलेंस, लखनऊ ने महिला सुरक्षा पर व्याख्यान देकर केजीएमयू के सभी वर्ग के छात्रों को जागरूक किया।

उनकी बातचीत के मुख्य आकर्षण थे पॉस्को एक्ट, साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर। आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 1930,1090 और नंबर 112 पर छात्रों और संकाय सदस्यों ने भी प्रश्न पूछे और अपने अनुभव साझा किए। उपस्थित सदस्यों में प्रो.पुनीता माणिक, प्रो.रामेश्वरी सिंघल, डॉ. शिवांजलि रघुवंशी, डॉ. शुचि त्रिपाठी, प्रो.सरिता सिंह, डॉ. हेमलता, डॉ. प्रोमिला, डॉ. गीतिका और डॉ. रिदम शामिल थे। एमबीबीएस, पैरामेडिकल और नर्सिंग समेत सभी स्ट्रीम के छात्र मौजूद रहे। समारोह का संचालन केजीएमयू के महिला सशक्तिकरण सेल द्वारा किया गया।

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