संजय निषाद बोले- यहां ऐसे नहीं पहुंचा दरोगा के हाथ-पैर तुड़ावाकर गढ्ढे में फेंका था

उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख डॉ. संजय निषाद का एक विवादित बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस बयान में डॉ. निषाद ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ”हम यहां ऐसे नहीं पहुंचे हैं, सात दरोगा के हाथ-पैर तुड़वाकर उसे गड्ढे में फेंकवा कर तब मैं यहां पहुंचा हूं।” इस बयान के वायरल होने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। हालांकि, अमर उजाला इस बयान की पुष्टि नहीं करता है और डॉ. संजय निषाद से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।

यह बयान डॉ. संजय निषाद ने मंगलवार को सुल्तानपुर जिले के चांदा क्षेत्र के मदारडीह गांव में आयोजित जनसभा के दौरान दिया था। वे अपनी पार्टी की संवैधानिक अधिकार यात्रा के तहत जिले में पहुंचे थे। इस विवादास्पद बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, लेकिन अमर उजाला ने इसकी पुष्टि नहीं की है, क्योंकि बयान देने के बाद डॉ. संजय निषाद से संपर्क नहीं हो सका।

औरंगजेब पर संजय निषाद बोले- कितानों में पढ़ें क्रूर कौन था?

इससे पहले, डॉ. संजय निषाद ने औरंगजेब पर भी टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि हमें इतिहास की किताबों में यह पढ़ाना चाहिए कि कौन कितना क्रूर था। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि “क्रूरता पर जश्न मनाना और मेला लगाना” कौन सी बात है। उनके मुताबिक, “मेले से लोग आदर्श नहीं सीखते, बल्कि हमारी सरकार में भारतीय सभ्यता का निर्माण करने वालों की जगह है।”

नागपुर हिंसा पर संजय निषाद विपक्ष जिम्मेदार

डॉ. संजय निषाद ने औरंगजेब को आदर्श मानने वालों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि नागपुर में हुई हिंसा के लिए वही लोग जिम्मेदार हैं, जो औरंगजेब को अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने यह सवाल भी किया कि समाजवादी पार्टी (सपा) को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे औरंगजेब को आदर्श मानते हैं या भगवान कृष्ण को। उन्होंने आगे कहा कि, “हम लोग तो निषादराज को अपना आदर्श मानते हैं।”

इस दौरान डॉ. संजय निषाद ने यह भी आरोप लगाया कि कई लोग जो पिछली सरकारों में थे, वे अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार में आकर मलाई काट रहे हैं। उनके इस बयान ने सियासी माहौल को और गर्मा दिया है, और इसे लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों में प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि डॉ. संजय निषाद के बयान का राजनीतिक परिप्रेक्ष्य क्या हो सकता है, लेकिन उनके बयानों ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है।

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