दैनिक भास्कर न्यूज
बांदा। सीमावर्ती मध्यप्रदेश की दर्जनभर बालू खदानों से निकलने वाले करीब एक सैकड़ा बालू भरे ट्रकों की धमाचौकड़ी से बांदा की सड़कों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। प्रदेश की योगी सरकार जहां गांव-गांव तक सड़कों का जाल बिछाने के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है, वहीं मध्यप्रदेश की खदानों से आने वाले बालू भरे आेवरलोड ट्रक सड़कों को ध्वस्त करते हुए प्रदेश सरकार की मंशा पर पानी फेरने का काम कर रही है। हालांकि योगी सरकार की ओर से कई बार मध्यप्रदेश से हो रहे अवैध परिवहन पर शिकंजा कसने के फरमान जारी कर चुकी है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की शह पर लगातार अवैध परिवहन का काम चल रहा है और मप्र के बालू भरे ओवरलोड ट्रक धड़ल्ले से फर्राटा भर रहे हैं।
उधर केन नदी पर दोनों राज्यों को जोड़ने वाला स्योंढ़ा पुल भी बालू भरे ओवरलोड ट्रकों के भार से कांपने लगा है। पुल में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं, जिससे आने जाने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वर्षाकाल समाप्त होने के बाद भी जहां एनजीटी के अड़ंगे के चलते जनपद की बालू खदानें ठप पड़ी हैं, वहीं सीमापार मप्र से प्रतिदिन करीब एक सैकड़ा से अधिक बालू भरे ट्रक अवैध रूप से जिले की सड़को पर फर्राटा भर रहे हैं। इतना ही नहीं मप्र की आड़ में जिले की कई खदानों से अवैध रूप से बालू निकाली जा रही है और सरकार के राजस्व को लाखों की चपत लगाई जा रही है।
बताते हैं कि जिले की सीमा से लगे मप्र की चांदीपाटी, नेहरा, रामपुर आदि खदानों में बालू माफिया सक्रिय हैं और केन नदी का सीना छलनी कर अवैध तरीके से बालू निकासी की जा रही है। मप्र से बालू लेकर आने वाले ट्रक नरैनी, गिरवां, मटौंध आदि क्षेत्रों से उत्तर प्रदेश में दाखिल होते हैं और प्रदेश की राजधानी तक बालू का काला कारोबार करते हैं। कई बार खनिज निदेशक के छापे में भी मप्र के बालू भरे ट्रक पकड़े गए।
योगी सरकार की सख्ती के बावजूद भी नहीं रुक पा रहा बालू का अवैध परिवहन
लेकिन अवैध परिवहन पर शिकंजा नहीं कस पाया। पूर्ववर्ती बसपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी के प्रयासों से दोनों राज्यों की सीमा को जोड़ने के लिए केन नदी पर पक्का पुल बनवाया था, लेकिन यह पुल महज बालू निकासी का साधन बन कर रह गया है। पुल पर अक्सर ट्रकों की लंबी लाइन लग जाती है। जिससे पुल के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है, पुल पर जगह जगह गड्ढे हो गए हैं और आम लोगों का निकलना दूभर हो गया है। हालांकि जिले की सभी खदानें लगभग बंद चल रही हैं।
पुलिस की शह पर बालूभरे ट्रकों की अवैध निकासी, थाना-चौकी में होती वसूली
लेकिन मप्र परिवहन की आड़ में यहां भी अवैध तरीके से बालू की चोरी का खेल चल रहा है। नरैनी क्षेत्र की लहुरेटा, नहरी, बिल्हरका, नसेनी आदि इलाकों से खुलेआम बालू की अवैध निकासी हो रही है और पुलिस की शह पर लाल सोने का काला कारोबार जारी है। वहीं मप्र की सीमा से उत्तर प्रदेश में दाखिल होने वाले बालू भरे ओवरलोड ट्रक अतर्रा, कर्वी, फतेहपुर, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, सतना आदि इलाकों में पहुंचते हैं जहां बालू माेटे दामों पर बेची जाती है। उधर बालू की अवैध निकासी और अवैध खनन के मामले में तहसीलदार सत्यप्रकाश खुद अंजान बताते हैं और मामला संज्ञान में आने पर कार्रवाई का दम भरते हैं।
बदौसा, फतेहगंज क्षेत्र से भी हो रही बालू की चोरी
अवैध बालू निकासी का खेल बदौसा से होकर गुजरने वाली बागेन नदी के किनारे स्थित गांवों में भी खेला जा रहा है। बदौसा के दिवली घाट से गांव के ही दबंग किस्म के लोग ट्रैक्टरों के जरिए बालू की चोरी करते है और सरकारी राजस्व को लाखों का चूना लगाते हैं। ऐसे ही फतेहगंज से होकर बहने वाले बरार नाला भी इन दिनों बालू माफिया का अड्डा बना हुआ है। यहां भी हजारों घनमीटर बालू अवैध तरीके से निकालकर बेची जा रही है। हालांकि शिकायत मिलने पर वन विभाग ने अपने क्षेत्र पर बने अवैध रास्ते को खुदवाकर रास्ता बाधित कर दिया था, लेकिन बालू काराेबारियांे नौगवां की ओर से एक नया रास्ता बनाकर कारोबार को चालू रखा है। क्षेत्र के दिवली, रामपुर, पथरा, पुकारी, बरारनाला आदि गांवों मेंं खुलेआम बालू का अवैध कारोबार चल रहा है।
अवैध खनन पर चुप्पी साधे हैं जिम्मेदार
वर्षाकाल के बाद भले ही अभी तक जिले की बालू खदानें चालू न हुई हों लेकिन खनिज और पुलिस विभाग की मिलीभगत से बालू माफिया लगातार बालू का अवैध कारोबार कर रहे हैं। बालू माफिया केन से लेकर यमुना और बागेन नदी तक अवैध तरीके से बालू निकाल रहे हैं और सरकारी राजस्व को चपत लगा रहे हैं। हालांकि खनिज और पुलिस विभाग के अफसरों सब कुछ जान कर भी चुप्पी साधे हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि बालू चोर जिम्मेदार अधिकारियों तक उनके हिस्से के रूप में मोटी रकम पहुंचाते हैं और सभी थाना-चौकियों में बाकायदा इंट्री देकर बालू भरे वाहन निकालते हैं। इसकी पुष्टि हाल ही एक सिपाही के वायरल वीडियो से की जा सकती है, जिसमें सिपाही खुलेआम ट्रक चालक से रुपए लेते दिख रहा है। हालांकि बाद में सिपाही को निलंबित करके कार्रवाई की इतिश्री कर ली गई थी, लेकिन यह सिलसिला लगातार जारी है।