
Sambhal : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के निकट स्थित कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में आज भारी पुलिस-प्रशासनिक टीम द्वारा पैमाइश की जाएगी। यह कदम विवादित जमीन पर बने अवैध मकान और दुकानों को लेकर चल रही जांच के सिलसिले में उठाया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा है कि इस कार्य के दौरान पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी।
पैमाइश की प्रक्रिया और सुरक्षा इंतजाम
पैमाइश के दौरान तहसीलदार के नेतृत्व में तीन नायब तहसीलदार, चार राजस्व निरीक्षक और 22 लेखपाल शामिल होंगे। इसके साथ ही, 9 थानों के प्रभारी निरीक्षक, तीन निरीक्षक, 25 दरोगा, 70 कांस्टेबल के साथ एक कंपनी पीएसी और एक कंपनी RRF तैनात रहेगी।
पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारी जैसे ASP उत्तरी संभल और CO संभल भी मौके पर मौजूद रहेंगे। पूरे इलाके में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
मामले में क्या है विवाद?
यह विवाद संभल कोतवाली के मोहल्ला कोटगर्वी स्थित जामा मस्जिद के पास के कब्रिस्तान का है। शिकायत के आधार पर राजस्व विभाग ने जांच की, जिसमें पाया गया कि लगभग 8 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। इस जमीन पर कुछ व्यक्तियों ने मकान और दुकानें बना दी थीं, जिन्हें प्रशासन ने चिन्हित किया है।
24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा की घटना हुई थी, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। इस हिंसक घटना के बाद से प्रशासन ने पूरे क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी है।
वहीं, इस कब्रिस्तान को अंतिम विदाई का प्रतीक माना जाता है, लेकिन आरोप है कि यहाँ से कट्टरपंथी तत्व सक्रिय हो रहे हैं। खबरें हैं कि कब्रिस्तान के भीतर पहले से पत्थर जमा किए गए थे, जिनका इस्तेमाल किसी बड़े दंगों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था। इन गतिविधियों ने पूरे इलाके में भय और तनाव पैदा कर दिया है।
प्रशासन का दावा है कि अतिक्रमण को हटाने और विवादित जमीन की पूरी तरह से जांच करने के लिए यह पैमाइश आवश्यक है। इस प्रक्रिया के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
अधिकारियों ने कहा है कि यदि अवैध कब्जे पाए गए तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी और विवादित जमीन का पट्टा और कानून के मुताबिक कदम उठाए जाएंगे।
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