संभल हिंसा….हिंसा से जुड़े सवाल…सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क से थाने में 3 घंटे की पूछताछ

संभल। संभल में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा से जुड़े मामलों को लेकर संभल पुलिस ने संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क से थाने में 3 घंटे पूछताछ की। जहां एसआईटी की टीम ने सपा सांसद से हिंसा से जुड़े कई सवालों के उत्तर मांगे। सपा सांसद दर्जन भर वकीलों के साथ थाने पहुंचे थे। सपा सांसद से पूछताछ में एसआईटी प्रभारी सीओ कुलदीप सिंह, इंस्पेक्टर अमित कुमार सहित अन्य अफसर भी रहे। जहां संभल में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया तो वहीं थाने के बाहर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। सपा सांसद पर हिंसा भड़काने का आरोप था, और उनके द्वारा भीड़ को उत्तेजित करने तथा सर्वे करने आई टीम को सर्व नहीं करने देने का भी आरोप लगा था।
बीते वर्ष 24 नवंबर की सुबह कमिश्नर आयोग मस्जिद की सर्वे करने पहुंचे थे। जहां मुस्लिम समुदाय द्वारा उसी दौरान पुलिस पर पथराल शुरू कर दिया गया था। कुछ ही देर में हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय द्वारा मस्जिद के बाहर एकत्रित होकर पुलिस टीम पर जमकर पथराव किया गया था। हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे तथा चार लोगों की मृत्यु हो गई थी। जहां पुलिस इस मामले में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। हिंसा को भड़काने में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल व जामा मस्जिद के सदर जफर अली सहित सैकड़ों आरोपी चिन्हित किए गए थे।
बीते 23 मार्च को संभल पुलिस ने जामा मस्जिद के सदर जफर अली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उनसे भी 4 घंटे पूछताछ की गई थी। हिंसा से जुड़ी जानकारी के लिए ही बीते दिनों संभल पुलिस ने सपा सांसद के घर नोटिस जारी किया था लेकिन घर पर नहीं मिलने के चलते संभल पुलिस ने दिल्ली जाकर सपा सांसद को नोटिस थमाया था। गुरुवार को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क दर्जन भर वकीलों के साथ हिंसा से जुड़े मामलों की जानकारी देने के लिए नखासा थाने पहुंचे। जहां थाने के बाहर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए तथा संभल में भी पुलिस फोर्स तैनात रहा। सपा सांसद से एसआईटी प्रभारी कुलदीप सिंह, इंस्पेक्टर अमित कुमार सहित अन्य कई अफसर ने पूछताछ की। हिंसा से जुड़े कई सवाल सपा सांसद से पूछे गए।

बीते वर्ष मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा।

संभल में बीते वर्ष हिंदू समुदाय द्वारा शहर की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताने की मांग न्यायालय में पेश की गई थी। जिसको लेकर मुस्लिम समुदाय द्वारा विवाद शुरू हो गया था।
न्यायालय के आदेश पर घटना की जांच के लिए जांच आयोग का गठन किया गया था। जांच के लिए 24 नवंबर 2024 को टीम जामा मस्जिद पहुंची थी।

जहां मुस्लिम समुदाय द्वारा हजारों की संख्या में एकत्रित होकर पुलिस टीम पर पथराव शुरू कर दिया गया था। सर्वे नहीं होने देने के उद्देश्य से मुस्लिम समुदाय द्वारा पुलिस पर पत्थर फेंके गए थे। जिसमें संभल सीओ सहित अनेक कई पुलिस अधिकारी तथा पुलिसकर्मी घायल हुए थे और हिंसा के दौरान चार लोगों की मृत्यु भी हो गई थी।


जहां एसपी कृष्ण कुमार ने भी स्वयं मोर्चा संभाला था। एसपी के पीआरओ के पैर में भी गोली लगी थी। उपद्रवियों द्वारा पुलिस की गाड़ी के साथ कई वाहन फूंक दिए गए थे।हिंसा में सम्मिलित लगभग 800 लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिसमें सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, सपा विधायक के बेटे सुहेल इकबाल, जामा मस्जिद के सदर जफर अली भी सम्मिलित थे।
पुलिस मस्जिद के सदर जफर अली सहित कई को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
मस्जिद के सदर जफर अली की गिरफ्तारी भी बीते 23 मार्च को हुई थी, जिनसे पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया था। उसके बाद सपा सांसद को भी हिंसा भड़काने के आरोप में पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया था। संभल स्थित सपा सांसद के आवास पर संभल पुलिस नोटिस लेकर पहुंची थी, लेकिन उस समय कोई नहीं मिला। जिसके बाद संभल पुलिस सपा सांसद के दिल्ली होने की सूचना पर पूछताछ का नोटिस दिल्ली लेकर पहुंची और सपा सांसद को नोटिस थमाया।

गुरुवार को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क दर्जन व वकीलों के साथ संभल के नखासा थाने पहुंचे। जहां एसआईटी की टीम ने हमसे लगातार कई घंटे तक पूछताछ की और हिंसा से जुड़े सभी सवाल किया, जिसका उत्तर सपा सांसद ने दिया। हालांकि गिरफ्तार किए गए मस्जिद के सदर जफर अली को सपा सांसद द्वारा हिंसा भड़काने की बात कहने का भी आरोप है। जहां सपा सांसद ने सर्वे नहीं होने देने की बात कही थी। अपने फोन से मस्जिद के सदर जफर अली से भी बात की गई थी और लोगों को इकट्ठा करने का भी आरोप लगा है। साथ ही सपा सांसद द्वारा अपने फोन के अलावा पीआरओ के फोन से भी बात की गई थी।

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