Sambhal : गुन्नौर हाइवे पर दर्दनाक सड़क हादसा, ट्रक से भिड़ी तेज रफ्तार बाइक, तीन किशोरों की मौत

भास्कर ब्यूरो

  • सड़क सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल

Gunnaur, Sambhal : मेरठ–बदायूं राजमार्ग पर सोमवार देर रात गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र में दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। कस्बे के पीलीकोठी के पास पीछे से आ रही बस की हल्की टक्कर लगते ही तेज रफ्तार बाइक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े ट्रक से जा भिड़ी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए और उस पर सवार तीनों किशोरों की मौके पर ही मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, मृतक किशोर गुन्नौर कस्बे के नेहरू चौक स्थित दिल्ली दरबार ढाबे पर काम करते थे। रोज़ाना की तरह सोमवार देर रात लगभग डेढ़ बजे काम खत्म कर वे एक ही बाइक से किराए के कमरे की ओर लौट रहे थे। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई देता है कि जैसे ही बाइक पीलीकोठी के पास पहुंची, पीछे से गुजर रही बस की साइड लगने से बाइक असंतुलित हो गई और सीधे सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा गई।

हादसे में बाइक चालक रेहान (18) पुत्र अल्लानूर निवासी रजपुरा की मौके पर ही मौत हो गई। उसके दोनों साथी – अरमान (16) पुत्र कल्लू और हसनैन (16) पुत्र हाशिम, दोनों निवासी नदायल, गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने तत्काल उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुन्नौर पहुंचाया, लेकिन डॉ. अजहर अली ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।

ट्रक चालक अनिल, निवासी हापुड़, विद्युत पोल लेकर सिकंदराबाद से बरेली जा रहा था। रात के समय उसने ट्रक को हाईवे किनारे एक चाय की टपरी के पास खड़ा कर दिया था। उसी दौरान यह हादसा हुआ। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। हादसे की जानकारी मिलते ही सीओ दीपक तिवारी और थाना प्रभारी अखिलेश प्रधान घटनास्थल पर पहुंचे। मंगलवार सुबह एएसपी (दक्षिणी) अनुकृति शर्मा ने भी मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया और पूरे मामले की जानकारी ली। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़

इस हादसे की खबर जैसे ही रजपुरा और नदायल गांव पहुंची, दोनों गांवों में मातम छा गया। मृतक रेहान के घर पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं अरमान और हसनैन के परिवार के लोगों में भी कोहराम मचा हुआ है। गांव के लोग लगातार परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं। कई परिजन बेहोश हो गए जिन्हें संभालना पुलिस और ग्रामीणों के लिए मुश्किल हो गया।

नो हेलमेट नो फ्यूल अभियान पर सवाल

सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इन दिनों पूरे प्रदेश में नो हेलमेट–नो फ्यूल अभियान चल रहा है, लेकिन सोमवार रात का यह हादसा इस अभियान की पोल खोलता है।
हादसे के वक्त तीनों किशोरों ने हेलमेट नहीं पहना था। सभी नाबालिग थे और बिना लाइसेंस बाइक चला रहे थे। पेट्रोल पंपों पर चेकिंग नहीं होने से किशोर आसानी से पेट्रोल भरवा लेते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किशोर हेलमेट पहने होते तो शायद उनकी जान बच सकती थी। सवाल यह भी है कि नाबालिगों के हाथ में बाइक कैसे पहुंच रही है और पुलिस की चेकिंग कितनी प्रभावी है।

स्थानीय लोगों की नाराजगी

हादसे के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा है। लोगों का कहना है कि हाइवे पर अक्सर तेज रफ्तार वाहन हादसों को दावत देते हैं, लेकिन पुलिस गश्त और सुरक्षा उपाय नदारद हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से ट्रकों की मनमानी पार्किंग रोकने और सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू करने की मांग की है।

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