मुस्लिम समुदाय के संयम से टला संभल जैसा दंगा, नाकाम हुई साजिश : लालबिहारी

  • मदनी मस्जिद के अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण का मामला

हाटा,कुशीनगर। मदनी मस्जिद पर शनिवार को हुई बुलडोजर चलाने की कार्रवाई के वक्त यदि मुसलमानों ने संयम का परिचय नहीं दिया होता तो संभल जैसा दंगा हो जाता, जैसा कि सरकार की यही साजिश थी। उक्त बातें विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने मदनी मस्जिद के निरीक्षण व पक्षकारों से मिलने के बाद पत्रकार वार्ता में कहीं। उन्होंने कहा कि सरकार व अफसरों की साजिश थी कि बुलडोजर चलाओ, मुसलमान ज्यों विरोध करने आये, उन्हें दुरुस्त करो। लेकिन धन्यवाद के पात्र हैं यहां के मुसलमान।

उन्होंने कहा कि बैनामे की 29 डिसमिल भूखंड पर मस्जिद का निर्माण बाकायदा नक्शा पास होने के बाद बना है। जबकि राजस्व विभाग ने पैमाइश कर भूखंड को चिह्नित किया था। जब निर्माण शुरू हुआ तो तत्कालीन ईओ व तहसील के अधिकारियों ने निर्माण क्यों नहीं रोका। इसके अलावा प्रशासन यह तर्क दे रहा है आबादी की जमीन पर कब्जा किया गया था। यदि आबादी की जमीन पर कब्जा था तो यह नियम है कि आबादी की जमीन पर जिसका कब्जा होता है, मालिकाना हक उसी का माना जाता है। यह राजस्व संहिता में वर्णित है। उन्होंने कहा कि यह मस्जिद बैनामे की जमीन पर बन रही है।

न्यायालय द्वारा यह स्पष्ट रुप से कहा गया है कि किसी भी धार्मिक स्थल का स्वरुप नहीं बदला जायेगा। बावजूद इसके प्रशासन ने यह कार्रवाई की। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर हाटा आये प्रतिनिधिमण्डल के अगुआ लाल बिहारी यादव ने बताया कि अपनी रिपोर्ट सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपी जाएगी। उनके निर्देश के बाद कानूनी लड़ाई लड़ी जायेगी।

प्रतिनिधि मण्डल में पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रह्माशंकर तिवारी, पूर्व राज्यमंत्री राधेश्याम सिंह, पूर्व सांसद बालेश्वर यादव, इलियाश अंसारी, पूर्व एमएलसी रामअवध यादव,परवेज आलम,राजेश प्रताप राव उर्फ बंटी बाबू,जिलाध्यक्ष शकुरुल्लाह अंसारी,अजय प्रताप पिन्टू,विक्रमा यादव,डा उदयनारायन,जफर अमीन डक्कू,बृजेश कुमार गौतम,शब्बीर कुरैशी,सचिन्द्र यादव शामिल रहे।

विधिक प्रक्रिया का पालन कर हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई : डीएम

डीएम विशाल भारद्वाज ने बताया कि मदनी मस्जिद के मानचित्र की स्वीकृति नगर पालिका हाटा द्वारा 1999 को की गयी। जिसमे गाटा संख्या-208 पर रकबा-7080.50 वर्गफीट पर मस्जिद के निर्माण की अनुमति प्रदान की गयी थी। इस मामले में अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर नगर पालिका हाटा द्वारा 21 दिसम्बर 24 को नोटिस दी गई कि वे अवैध निर्माण के सम्बन्ध में अपना पक्ष प्रस्तुत करें। जिसके जवाब के लिए जाकिर अली द्वारा अतिरिक्त समय की मांग की गयी।

न्याय हित में अतिरिक्त समय प्रदान करने के बाद द्वितीय नोटिस 8 जनवरी 25 को नोटिस मदनी मस्जिद प्रबन्धन को दी गयी। तत्क्रम में नगर पालिका परिषद, हाटा द्वारा अवैध निर्माण के सम्बन्ध में दी गयी नोटिस के विरूद्ध श्रीमती अजमतुन निशा पत्नी हाजी हामिद अली व अन्य द्वारा उच्च न्यायालय में योजित रिट याचिका संख्या-127/2025 दायर किया गया। जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा 8 जनवरी 25 को पारित आदेश में निर्धारित समय सीमा एवं प्रक्रिया का अनुपालन किया गया। मस्जिद प्रबन्धन को साक्ष्य प्रस्तुत करने का पर्याप्त अवसर प्रदान किया गया।

डीएम श्री भारद्वाज ने बताया कि मस्जिद प्रबन्धन द्वारा दिनाँक 16 जनवरी 25 को सुनवाई हेतु लिखित प्रतिउत्तर एवं व्यक्तिगत सुनवाई के उपरान्त गुण-दोष के आधार पर अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, हाटा द्वारा 23 जनवरी 25 को स्वीकृत मानचित्र के अतिरिक्त निर्मित 6555 वर्गफीट एरिया को अवैध घोषित किया गया। साथ ही अवैध निर्माण को 15 दिनों में हटाने का आदेश दिया गया। किंतु मस्जिद प्रबन्धन द्वारा अवैध निर्माण को न हटाये जाने पर नगर पालिका परिषद, हाटा द्वारा 9 फरवरी 25 को मस्जिद के अवैध अंश का शान्तिपूर्ण ढंग से ध्वस्तीकरण किया गया। इस प्रकार नगर पालिका प्रशासन ने विधिक प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की।

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