
- आधार ऑपरेटर की आईडी के लिए फर्जी तरीके से ले लिए थे फिंगरप्रिंट के निशान व आईरिश फोटो
- आधार कार्ड में जन्मतिथि, पता व मोबाइल नंबर में फर्जी तरीके से करते थे संशोधन
संभल। संभल जनपद में फर्जी तरीके से आधार कार्ड में संशोधन करने वाले अंतर्जनपदीय गिरोह के 4 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जिनके पास से डिवाइस, फर्जी फिंगरप्रिंट, आधार संबंधी उपकरण तथा फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं। संभल के बहजोई थाना पुलिस ने आधार कार्ड में फर्जी तरीके से संशोधन करने वाले चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है।जो जनपद में आधार संबंधी उपकरणों को मॉडिफाई कर कूटरचित दस्तावेज तैयार करके आधार के मूल डेटाबेस में फर्जी तथा गैर कानूनी परिवर्तन करने का काम करते थे।
आधार कार्ड में नाम संशोधन, जन्मतिथि तथा पता और मोबाइल नंबर चेंज करने का काम भी करते थे। पूछताछ में जिन्होंने अपना नाम बदायूं के उझानी थाना अंतर्गत अडौली गांव निवासी आशीष पुत्र सुरेश, उझानी थाना क्षेत्र के ही बेनी नगला का निवासी धर्मेंद्र पुत्र जवाहर सिंह, बदायूं के उझानी थाना क्षेत्र के ही निजामपुर गांव निवासी रौनक पुत्र शामपाल तथा नई दिल्ली के तीमारपुर थाना अंतर्गत वजीराबाद गांव निवासी कासिम पुत्र नाजिर हुसैन बताया। जिनके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए कार्रवाई कर जेल भेजा गया है।
आधार ऑपरेटर की आईडी को इस प्रकार करते थे लाॅगिन –
आधार कार्ड में फर्जी तरीके से संशोधन करने वालों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पिछले डेढ़ वर्ष से काम कर रहे हैं। आशीष, रौनक के यहां पर आधार का कार्य करता था। उस समय प्रत्येक केश के लिए आशीष को 50 रुपए मिलते थे। उसकी जान पहचान कासिम से हुई। कासिम द्वारा आशीष और रौनक को पूरी प्रक्रिया बताई गई। जिसमें आधार कार्ड में उम्र अपना पता तथा मोबाइल नंबर बदलवाने की लोगों की अधिक आवश्यकता को देखते हुए फर्जी तरीके से इसी कार्य को करने का मन बना लिया। फिंगरप्रिंट स्कैनर को बदलने का तरीका भी कासिम द्वारा सीखा गया था। जिससे कि घर बैठे ही फिंगरप्रिंट देकर, बिना अधिकृत आधार सेंटर जाए संशोधन किया जा सके।

जिन्होंने ग्राहकों से उनका फिंगरप्रिंट लेने के लिए अवैध तरीके से पोर्टल बनाए और आधार जैसे दिखाई देते थे। पोर्टल पर डेटा लेने का काम किया जाता था। आधार में परिवर्तन अधिकृत आधार ऑपरेटर की आईडी से ही किया जा सकता है इसलिए इनके द्वारा अधिकृत ऑपरेटर को प्रलोभन देकर या फिर धोखाधड़ी से उसकी आईडी एक्सेस की जाती थी।
आधार ऑपरेटर की आईडी को लाॅगिन करने के लिए ऑपरेटर की आईडी और उसके आईरिस स्कैन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा किसी के आधार में संशोधन करने के लिए ऑपरेटर को अपना फिंगरप्रिंट मशीन में लगाना पड़ता है। आधार का सॉफ्टवेयर भी अधिकृत मशीन में एक निश्चित स्थान पर ही चल सकता है। इसके लिए आधार का सॉफ्टवेयर सिस्टम में लगे हुए जीपीएस डिवाइस से उसकी लोकेशन लेता है। गिरोह के सदस्य द्वारा प्रत्येक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सभी दस्तावेज और फर्जी उपकरण तैयार किए गए। जिसमें ऑपरेटर की आईरिस की धोखाधड़ी से उनके द्वारा फोटो ली गई। ऑपरेटर के अंगूठे का इंप्रेशन लेकर एक रबर पर उसका फिंगरप्रिंट तैयार कराया गया।
कंप्यूटर में आधार सॉफ्टवेयर किसी भी जगह चलाने के लिए सॉफ्टवेयर के माध्यम से जीपीएस डिवाइस को निष्क्रिय किया गया, क्योंकि ऑपरेटर को यह लोग विश्वास में लेते थे और ओटीपी भेज कर उनसे ओटीपी पूछ कर लाॅगिन कर लेते थे। दिसंबर 2024 के बाद इन लोगों ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र अपलोड करने से उम्र में बदलाव नहीं हो पा रहे थे, तो उनके द्वारा फर्जी पासपोर्ट बनाकर आधार कार्ड में जन्मतिथि परिवर्तन करना भी शुरू कर दिया गया।
इसके लिए पासपोर्ट बनाने का पोर्टल भी इनके द्वारा बनवाया गया। आशीष द्वारा बताया गया कि वह फरवरी माह में 20 से ऊपर फर्जी पासपोर्ट बनाकर आधार कार्ड के लिए अपलोड कर चुका है, जिनमें से चार से पांच को सफलता मिली है। पुलिस को इस संबंध इनके पास से में विभिन्न राज्यों के लोगों के जन्म प्रमाण पत्र तथा पासपोर्ट की इमेज बरामद हुई है। ऑपरेटर की आईडी इस्तेमाल करते थे और ऑपरेटर को उनके फर्जी तरीके से कार्य करने के बारे में जानकारी नहीं रहती थी।
पुलिस ने यह उपकरण किए बरामद –

आधार कार्ड में फर्जी दस्तावेज के साथ संशोधन करने वाले गिरफ्तार किए गए चारों लोगों के पास से पुलिस ने 6 लैपटॉप, चार मोबाइल, डेस्कटॉप कंप्यूटर, दो रबर नुमा अंगूठे का इंप्रेशन, 7 फिंगरप्रिंट स्कैनिंग मशीन, 6 मॉडिफाइड फिंगरप्रिंट स्कैनिंग मशीन, एक बीडीएम फिंगरप्रिंट मशीन, दो स्कैनर, डेस्कटॉप कैमरा, 2 आईरिस मशीन, एक टूल किट पेचकस, 2 यूएसबी मल्टीपोर्ट क्लैक्टर आदि बरामद किए हैं।
इसके अलावा कुछ फर्जी जन्म प्रमाण पत्र भी बरामद किए गए हैं जो अलग-अलग राज्यों के हैं। जिनमें 14 जन्म प्रमाण पत्र उत्तर प्रदेश, चार पंजाब के, एक पश्चिम बंगाल, एक तमिलनाडु, एक झारखंड, एक हरियाणा, एक दिल्ली, 9 बिहार के, तीन आंध्र प्रदेश से तथा दो मध्य प्रदेश के जन्म प्रमाण पत्र बरामद किए गए। इसके अलावा तीन महाराष्ट्र के, एक जम्मू कश्मीर तथा एक राजस्थान का जन्म प्रमाण पत्र भी बरामद हुआ है।
इसके साथ ही 36 पैन कार्ड प्रपत्र, 27 फिंगर अपडेट आवेदन प्रपत्र, 400 से अधिक आधार परिवर्तन हेतु इनराॅलमेंट फार्म, 8 पासपोर्ट इमेज आदि बरामद किए गए हैं।