रूस का यूक्रेन के ओडेसा क्षेत्र पर बड़ा हमला, पिवदेननी बंदरगाह निशाने पर

कीव : रूस ने शनिवार को यूक्रेन के दक्षिणी ओडेसा क्षेत्र में स्थित पिवदेननी बंदरगाह पर हमला किया। यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, काला सागर तट से लगे इस क्षेत्र में रूस ने ऊर्जा प्रतिष्ठानों और मोल्दोवा सीमा तक जाने वाले एक अहम मार्ग को भी निशाना बनाया है।

रूस लगातार ड्रोन और मिसाइल हमलों के जरिए ओडेसा क्षेत्र को निशाना बना रहा है। यह वही इलाका है, जहां यूक्रेन के विदेशी व्यापार और ईंधन आपूर्ति के लिए बेहद अहम बंदरगाह स्थित हैं। हाल ही में मॉस्को ने धमकी दी थी कि वह “यूक्रेन को समुद्र से काट देगा।”

यूक्रेनी उप प्रधानमंत्री ओलेक्सी कुलेबा ने टेलीग्राम पर बताया कि शनिवार के हमले में पिवदेननी बंदरगाह पर ईंधन भंडारण टैंकों को नुकसान पहुंचा है। इससे एक दिन पहले हुए मिसाइल हमले में इसी बंदरगाह पर आठ लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 30 लोग घायल हुए थे।

इसके अलावा गुरुवार और शुक्रवार को रूसी सेना ने पिवदेननी के उत्तर-पूर्व में मायाकी गांव के पास ड्निस्टर नदी के मुहाने पर बने एक पुल को भी निशाना बनाया। यह पुल मोल्दोवा की सीमा तक जाने वाला मुख्य मार्ग है और ओडेसा क्षेत्र के कई हिस्सों को जोड़ता है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के उप प्रमुख विक्टर मिकिता ने कहा कि रूस को मोर्चे पर खास सफलता नहीं मिल रही है, इसलिए वह नागरिकों को आतंकित कर आंतरिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि ओडेसा के लोग और प्रशासन मिलकर इन प्रयासों का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर रहे हैं। रूसी अधिकारियों ने इन हमलों पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

यूक्रेनी प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यात्रियों को मोल्दोवा जाने के लिए वैकल्पिक मार्गों, यहां तक कि जलमार्गों से भी भेजना शुरू कर दिया है। मिकिता ने कहा कि दुश्मन चाहे जितनी कोशिश करे, यूक्रेन संपर्क बनाए रखने के लिए नए रास्ते तैयार करता रहेगा।

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह रूस के अब तक के सबसे बड़े हवाई हमलों में ओडेसा क्षेत्र की ऊर्जा सुविधाएं क्षतिग्रस्त हुई थीं, जिससे सैकड़ों हजारों लोग कई दिनों तक अंधेरे में रहने को मजबूर हो गए थे। दिसंबर में बंदरगाहों पर हुए हमलों में तुर्की के झंडे वाले तीन जहाज भी क्षतिग्रस्त हुए थे।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही यूक्रेन की काला सागर तक पहुंच काटने की चेतावनी दे चुके हैं। यह बयान यूक्रेन द्वारा रूस के तथाकथित ‘शैडो फ्लीट’ तेल टैंकरों पर समुद्री ड्रोन हमलों के बाद आया था। यूक्रेन का कहना है कि ये टैंकर रूस के तेल निर्यात का जरिया हैं, जिससे वह अपने लगभग चार साल पुराने युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है।

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