रूस ने दुश्मन यूक्रेन पर दागी थीं मिसाइलें, मगर दोस्त का हुआ नुकसान, चीनी दूतावास पर गिरी रूसी मिसाइल

रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान ओडेसा में स्थित चीनी दूतावास को भी नुकसान पहुंचाने की खबर है। एक दिन पहले ही इस इमारत पर रूसी मिसाइल गिरने की पुष्टि हुई है, हालांकि चीन की ओर से इस घटना पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि युद्ध के दौरान रूस की मिसाइलें यूक्रेन के कई शहरों में दागी गई हैं, जिनमें से एक मिसाइल ओडेसा में चीन के महावाणिज्य दूतावास पर गिरी है।

सिबिहा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, “आज रात यूक्रेन पर रूस के हवाई हमले ईरान के शाहेद 136/गेरान-2 ड्रोन और चीन के ड्रोन से हुए हैं। इसके अलावा मिसाइलें भी दागी गई हैं, जिससे ओडेसा में चीनी महावाणिज्य दूतावास की इमारत को नुकसान पहुंचा है। इस हमले में दो लोग मारे गए हैं और छह लोग घायल हो गए हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि चीन ने इस घटना को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया है और न ही शहर में अपने राजनयिक परिसर को हुए नुकसान की खबर दी है।

रूसी हमलों में इस्तेमाल किए गए शाहेद-136 ड्रोन का निर्माण ईरान और चीन के सहयोग से हुआ है। यूक्रेन के कीव में विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने दावा किया है कि इन ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग यूक्रेन के शहरों पर हमले के लिए किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन पहले ही प्रमाणित कर चुका है कि चीनी कंपनियां इन ड्रोन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री में योगदान दे रही हैं।

यूक्रेन के अधिकारियों का मानना है कि चीन रूस का प्रमुख साझेदार बना हुआ है और लगातार मॉस्को की पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने में मदद कर रहा है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि बीजिंग रूस को युद्ध में मदद करने वाले उपकरण और सामग्री की आपूर्ति कर रहा है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 3 जुलाई को यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख काजा कालास से कहा कि बीजिंग यह बर्दाश्त नहीं कर सकता कि रूस यूक्रेन में युद्ध हार जाए।

कीव में रूस के युद्ध प्रयासों में चीन की भूमिका को लेकर यूक्रेन की चिंता बढ़ रही है। राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने बार-बार आरोप लगाया है कि चीन मास्को का समर्थन कर रहा है। रूस-चीनी संबंधों के प्रगाढ़ होने के साथ ही व्लादिमीर पुतिन के सितंबर में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की उम्मीद है, जिसमें दोनों नेताओं के बीच रणनीतिक संबंधों पर चर्चा होने की संभावना है।


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