
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संघर्ष रुकवाने का दावा किया। साथ ही उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि भारत-पाकिस्तान जंग में सच में पांच जेट गिरे थे। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि ये विमान किस देश के गिरे थे।
ट्रम्प ने ये बात व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ डिनर के दौरान कही। ट्रम्प अब तक 24 बार भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने की बात कह चुके हैं। पहली बार ऐसा दावा उन्होंने 10 मई को सोशल मीडिया पर किया था।
दरअसल, पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने लड़ाई में 5 भारतीय विमान मार गिराए थे। वहीं, भारत ने भी कहा था कि पाकिस्तान के कुछ विमान गिराए गए हैं। पाकिस्तान ने अपने किसी भी विमान के नुकसान से इनकार किया, लेकिन हवाई ठिकानों को निशाना बनाने की बात मानी थी।
ट्रम्प बोले थे- हम युद्धों को निपटाने में बहुत सफल रहे इससे पहले 14 जुलाई को ट्रम्प ने अपने इस दावे को दोहराया था कि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद हाल ही में भारत-पाकिस्तान संघर्ष को बढ़ने से रोक दिया था। ट्रम्प ने ये टिप्पणियां नाटो के महासचिव मार्क रूट के साथ अपनी बैठक के दौरान कीं। ट्रम्प ने कहा, ‘हम युद्धों को निपटाने में बहुत सफल रहे हैं।’
उन्होंने व्यापार को लाभ के रूप में इस्तेमाल करने की अपनी रणनीति की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘हमने व्यापार के माध्यम से ऐसा किया। मैंने कहा था कि जब तक आप इस मामले को सुलझा नहीं लेते, हम आपसे व्यापार के बारे में बात नहीं करेंगे, और उन्होंने ऐसा किया।’
युद्ध को लेकर भारत-पाकिस्तान के दावे…
भारत का दावा- पाकिस्तान के 6 फाइटर जेट तबाह हुए न्यूज एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दावा किया था की ऑपरेशन सिंदूर में इंडियन एयरफोर्स के हमले में पाकिस्तान के 6 फाइटर जेट, 3 एयरक्राफ्ट और 10 से ज्यादा ड्रोन और क्रूज मिसाइलें तबाह हुई थीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 6 से 10 मई के बीच भारत ने पाकिस्तान के पंजाब और PoK (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भी जवाब देने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायुसेना ने न केवल जवाब दिया, बल्कि पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया।
ऑपरेशन सिंदूर में इंडियन एयरफोर्स के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम्स ने पाकिस्तान के फाइटर जेट्स को हवा में ही निशाना बनाया। सुदर्शन मिसाइल सिस्टम के जरिए लगभग 300 किलोमीटर दूर उड़ रहे एक हाई-वैल्यू एयरक्राफ्ट को भी मार गिराया गया था। ये एयरक्राफ्ट या तो इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम से लैस था या एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग कंट्रोल सिस्टम।
इसके अलावा, राफेल और सुखोई-30 ने पाकिस्तानी सेफ सेंटर (हैंगर) को निशाना बनाया, जिसमें मेड इन चीन विंग लूंग ड्रोन तबाह हुए। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के भोलारी एयरबेस पर भी एक स्वीडिश मूल का AEWC विमान तबाह हुआ था।

यह सैटेलाइट तस्वीरें मैक्सार टेक्नोलॉजी ने जारी किया था। इसमें भारत की एयरस्ट्राइक में पाकिस्तानी एयरबेसेस पर हुआ नुकसान दिखाई दिया।
पाकिस्तानी PM बोले थे- 5 भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। 7 मई को ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संसद में दावा किया था कि हमने भारत के हमले के जवाब में कार्रवाई की, जिसमें 5 भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया गया। पांच विमानों में 3 राफेल थे। बाद में पाकिस्तान 6 भारतीय विमान गिराने का दावा करने लगा था।
पाकिस्तान ने 11 जुलाई को दोबारा भारत के 6 लड़ाकू विमानों को गिराने का दावा किया था। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने प्रेस ब्रीफिंग में भारत को लड़ाकू विमान गंवाने की बात मानने को कहा था।
अली खान ने कहा- भारत को काल्पनिक कहानियों का सहारा लेने के बजाय यह स्वीकार करना चाहिए कि भारत के छह लड़ाकू विमानों को मार गिराया गया और दूसरे मिलिट्री ठीकानो को गंभीर नुकसान पहुंचा।
CDS चौहान बोले थे- मुद्दा यह नहीं कि कितने विमान गिरे, बल्कि क्यों गिरे
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने मई में ब्लूमबर्ग के साथ बातचीत में विमान मार गिराए जाने का जिक्र किया था। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया था कि किसके और कितने विमान गिरे।
ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में CDS ने कहा था असली मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे और हमने उनसे क्या सीखा। भारत ने अपनी गलतियों को पहचाना, उन्हें जल्दी सुधारा और फिर दो दिन के भीतर दुश्मन के ठिकानों को लंबी दूरी से निशाना बनाकर एक बार फिर प्रभावी तरीके से जवाब दिया।
पाकिस्तान के 6 भारतीय जेट गिराने के दावों को लेकर CDS चौहान ने कहा था- बिल्कुल गलत है। गिनती मायने नहीं रखती, बल्कि यह मायने रखता है कि हमने क्या सीखा और कैसे सुधार किया। इस संघर्ष में कभी भी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की नौबत नहीं आई, जो कि एक राहत की बात है।