रुद्रपुर। भारतीय लोकतंत्र में 25 जून को देश काला दिवस के रूप मे जानता है। इसी दिन तानाशाही फरमान जारी करते हुए तात्कालिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए इमरजेंसी की घोषणा कर दी। जिला कार्यालय पर आपातकाल के उस काल दिवस पर यातानाएं सहने वाले लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप मुख्य अतिथि प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बिष्ट ने किया। कार्यक्रम मे अध्यक्षीय भाषण जिला अध्यक्ष कमल जिंदल ने दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम आपातकाल के दौरान यातनाएं सहने वाले लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में आयोजित किया गया है।
वहीं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बिष्ट ने कहा कि लोकतंत्र के काले दिवस को आज 50 वर्ष पूर्ण हो गए हैं। तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने खुलेआम लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाईं और संविधान का अपमान किया। इसके साक्षी हमारे सेनानी हैं। उस समय की तानाशाह सरकार ने आंदोलनकारियों को जेल में डाल दिया गया और उनके साथ जेल में ऐसा अमानवीय व्यहार किया गया, जो भुलाया नहीं जा सकता है। लोगों की जबरन नसबंदी की गई और लोगों को जेल में यातनाएं दी गईं। आज कांग्रेस संविधान को खतरे में बता रही है, वहीं असली संविधान का 1975 में तात्कालिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सरकार द्वारा गला घोंटा गया था। इसका साक्षी पूरा देश है।
रुद्रपुर के विधायक शिव अरोड़ा ने कहा कि आज आपातकाल के 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। निश्चित रूप से इन सेनानियों के त्याग व समर्पण के कारण लोकतंत्र जीवित है। देश के इतिहास का यह काला अध्याय था। इस दौरान अशोक जायसवाल, स्नेह पाल, नरेश रस्तोगी, ओमप्रकाश, सुरेश पूंछी, मुकेश बाली, तिलकराज घई, राजकुमार सहित 35 लोकतंत्र सेनानियों व दिवंगत हो चुके सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर दर्जामंत्री उत्तम दत्ता, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, प्रदेश मंत्री विकास शर्मा, लोकसभा संयोजक विवेक सक्सेना, पूर्व मेयर रामपाल आदि मौजूद रहे।