
रुद्रप्रयाग : जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन के खिलाफ जिला न्यायालय में याचिका दायर की गई है। याचिका में मतदान की निष्पक्षता पर सवाल उठाया गया है। कहा गया कि बैलेट और पेन निर्वाचन आयोग द्वारा मुहैया कराई जानी थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
याचिका में कहा गया है कि जिपं अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में जो एक-एक मत अवैध घोषित किया गया है, वह सही नहीं है। मामले में 30 अगस्त को सुनवाई होनी है।
जिला न्यायालय रुद्रप्रयाग के वरिष्ठ अधिवक्ता व याचिकाकर्ता एससी भट्ट ने जिला न्यायालय में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि जिपं अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए बीते 14 अगस्त को जिला कार्यालय में मतदान हुआ था। मतदान में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों सहित कुल 18 सदस्यों ने भाग लिया। निर्वाचन आयोग की ओर से प्रत्येक उम्मीदवार को मतपत्र और पेन मुहैया कराया जाना था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जिससे मतदान प्रक्रिया का सही निर्वहन नहीं हुआ है। लोकतंत्र में किसी भी मतदान में निर्वाचन आयोग की ओर से मतपत्र के साथ मतदाता को मोहर दी जाती है, जिससे वह मतपत्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग करता है। लेकिन, बीते 14 अगस्त को हुये जिपं अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में मतदान कक्ष में मतदाताओं को मतपत्र तो दिये गये, पर पेन वहां पहले से रखे गये थे, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव प्रक्रिया का सीधा उल्लंघन है। बताया कि जो एक-एक मत भी अवैध घोषित किये गये हैं, वह सही नहीं है। मामले में 30 अगस्त को सुनवाई तय की गई है।
बता दें कि जिपं अध्यक्ष और उपाध्यक्ष में एक-एक अवैध माने गये थे, जिस कारण निर्वाचित प्रत्याशियों को एक-एक वोट से विजय घोषित किया गया था।