
- व्यापारियों ने कार्रवाई को बताया अन्यायपूर्ण
लखीमपुर खीरी। जिले के व्यापारी अखिल गुप्ता को बदायूं जनपद की मुजरिया पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद जिलेभर के व्यापारिक समुदाय में तीव्र रोष व्याप्त हो गया है। व्यापारी संगठनों ने इस गिरफ्तारी को मनमानी कार्रवाई करार देते हुए आरोप लगाया है कि पुलिस ने अखिल गुप्ता को फर्जी केस में फँसाया है।
गौरतलब है कि 22-23 जनवरी 2025 की रात नेपाल से दिल्ली जा रहे एक ट्रक चालक से दातागंज क्षेत्र में लूट की वारदात हुई थी। ट्रक में रिफाइंड ऑयल लदा था जिसे कार सवार बदमाशों ने अगवा कर गायब कर दिया। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर संख्या 11/2025 दर्ज की और जांच के आधार पर लखीमपुर निवासी व्यापारी अखिल गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस का दावा: चोरी का माल खरीदा, 15 लाख नकद बरामद
मुजरिया पुलिस का दावा है कि अखिल गुप्ता ने लूटे गए 1500 टिन में से 750 टिन डायमंड रिफाइंड ऑयल सस्ते दामों पर खरीदे और आगे 15.37 लाख में बेच दिए। पूछताछ में उसने यह रकम उसी सौदे से प्राप्त होना बताया। पुलिस ने उसकी गाड़ी से 15 लाख रुपये नकद बरामद करने का दावा किया है। इसके अतिरिक्त कुल 29 लाख रुपये, ट्रक (HR 61D 0097), 293 टिन और एक बलेनो कार भी जब्त की गई है।
व्यापारी बोले— जब तक दोष सिद्ध न हो, नाम बदनाम करना गलत
लखीमपुर के व्यापार मंडलों ने इसे पूरी तरह पुलिस की जल्दबाज़ी और एकतरफा कार्रवाई बताया है। व्यापारियों ने कहा कि जब तक जांच पूरी न हो और अदालत दोष सिद्ध न करे, तब तक किसी प्रतिष्ठित व्यापारी को अपराधी बताना दुर्भाग्यपूर्ण है।
समर्थन में दीपक पुरी उतरे, बोले— न्यायालय में खुलेगा सच
लखीमपुर के जाने-माने व्यापारी और समाजसेवी दीपक पुरी ने फेसबुक पोस्ट में कहा—
“बदायूं पुलिस ‘क्राइम’ का कारनामा उच्च न्यायालय में बेनकाब होगा। शायद फिर किसी व्यापारी को फर्जी फंसाने की साजिश न रची जा सके। साथ ही कहा कि पत्रकार बंधुओं की मजबूरी हो सकती है, क्योंकि अब उन्हें भी डर सताने लगा है।”
सोशल मीडिया पर जबरदस्त समर्थन, उठी न्याय की माँग
लोगों का कहना है कि केवल नाम सामने आ जाने भर से किसी को अपराधी नहीं माना जा सकता, पुलिस को साक्ष्य आधारित निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बदायूं डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि पुलिस ने कार्रवाई इलेक्ट्रॉनिक और फील्ड साक्ष्यों के आधार पर की है। आगे की जांच जारी है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अब नज़रें इस बात पर टिकी हैं कि अखिल गुप्ता को न्याय मिलेगा या नहीं। आने वाले दिनों में जांच की निष्पक्षता और व्यापारियों का आंदोलन इस मामले की दिशा तय करेगा।