
- आरटीई के तहत निजी स्कूलों में नामांकन में बस्ती अव्वल, 548 बच्चों ने पाया दाखिला
- लखनऊ में आधे ग़रीब बच्चे दाखिला नहीं पा पाए। राजधानी में 18093 में से 9114 बच्चों को ही दाखिला मिला
लखनऊ। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि उत्तर प्रदेश का हर बच्चा, चाहे वह किसी भी वर्ग या पृष्ठभूमि से आता हो, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का हकदार बने। आरटीई के तहत गरीब बच्चों को निजी विद्यालयों में दाखिला दिलाना केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समावेशिता की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अंतर्गत गरीब और वंचित तबके के 1,06,592 बच्चों का निजी विद्यालयों में मुफ्त नामांकन सुनिश्चित किया गया है। हालांकि बहुत से बच्चों का दाखिला नहीं हो पाया है। लखनऊ में आधे ग़रीब बच्चे दाखिला नहीं पा पाए। राजधानी में 18093 में से 9114 बच्चों को ही दाखिला मिल पाया।
सरकार का मानना है कि धन के अभाव में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए। आरटीई दाखिले की प्रक्रिया चार चरणों में सम्पन्न हुई। इन चारों चरणों के तहत कुल 3,34,953 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 2,52,269 स्वीकृत हुए और 1,85,675 बच्चों का विद्यालयों के लिए आवंटन कर दिया गया। अब तक इन आवंटनों के सापेक्ष कुल 1,06,592 बच्चों का नामांकन सफलतापूर्वक कराया जा चुका है।
पहला चरण- 1,32,446 आवेदन, 1,03,058 स्वीकृत, 71,381 आवंटित। 31677
दूसरा चरण – 95,590 आवेदन, 71,015 स्वीकृत, 50,638 आवंटित आवंटन टन से वांछित 20377
तीसरा चरण – 60,391 आवेदन, 44,592 स्वीकृत, 35,452 आवंटित, आवंटन से वांछित 9140
चौथा चरण – 46,526 आवेदन, 34,604 स्वीकृत, 28,204 आवंटित, आवंटन से वांछित 6400
टॉप जिलों के संख्या पर भी करें गौर
बस्ती — 93% कुल 548 प्रवेश सुनिश्चित कर पहले स्थान पर।
हरदोई — 90% कुल 998 नांमाकन के साथ दूसरा स्थान।
एटा — 88% कुल 753 नामांकन के साथ तीसरा स्थान।
बलरामपुर, बदायूं, श्रावस्ती — 87% कुल क्रमशः 674 ,2535, 403 के साथ चौथे स्थान पर।
देवरिया — 86% कुल 672 नामांकन
ललितपुर, महोबा — 84% कुल क्रमशः 1172, 307 नामांकन
जौनपुर — 83% कुल 1603 नामांकन
आंकड़ों के आधार पर टॉप चार जिलों में कुल 2973 बच्चों को ही दाखिला दिया गया है।
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