
बांदा। चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा से शुरू होने वाले हिंदू नववर्ष के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने धूमधाम से वर्ष प्रतिपदा उत्सव मनाया और एक दूसरे के माथे पर तिलक सजाते हुए नव वर्ष की शुभकामनाएं दी। शहर के प्रमुख चौराहों पर आरएसएस के स्वयं सेवकों ने हर आने जाने वाले के माथे पर तिलक लगाया और उन्हें हिंदू नववर्ष का महत्व समझाकर नए साल की शुभकामनाएं दीं। बता दें कि आज ही के दिन आरएसएस के संस्थापक आद्य संघ चालक डा.केशवराव बलिराम हेडगेवार की जयंती भी मनाई जाती है।
शहर के रामलीला मैदान में राम शाखा के तत्वावधान आरएसएस के संस्थापक डा.हेडगेवार की जयंती और वर्ष प्रतिपदा मनाने के लिए पूर्ण गणवेश धारण किए स्वयं सेवक एकत्र हुए और धूमधाम से वर्ष प्रतिपदा उत्सव मनाया। सर्वप्रथम स्वयं सेवकों ने संघ के प्रथम सर संघ चालक डा.हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और आद्य सर संघ चालक प्रणाम के बाद भगवा ध्वज फहराया। स्वयंसेवकों ने डा.हेडगेवार के अमृत वचन दोहराए और एकल गीत के माध्यम से उन्हें याद किया। जिला प्रचारक अनुराग ने डा.हेडगेवार के जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला और भारतीय नव वर्ष का महत्व समझाया। कहा कि भारतीय संस्कार ही मानव जीवन को सर्वोत्तम बना सकते हैं। संस्कार युक्त मानव से ही सुंदर समाज की स्थापना होती है और देश का विकास होता है। सभी को इसी नव वर्ष को धूमधाम से मनाना चाहिए। पश्चिमी सभ्यता भारतीय संस्कृति के लिए घातक है। वर्तमान में अधिकांश युवा पीढ़ी के लोग भटक गए है। यदि इस पर अंकुश नहीं लगा तो आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा। ऐसे ही शहर के गणेश भवन में संचालित भारतीय शाखा में जिला संघ चालक सुरेंद्र पाठक ने वर्ष प्रतिपदा उत्सव मनाया और भारतीय संस्कृति को आत्मसार कर जन जागरण करने को स्वयं सेवकों का आह्वान किया। कहा कि युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ना होगा, तभी समृद्ध व सुसंस्कृत भारत की परिकल्पना साकार हो सकेगी। वहीं शहर के प्रमुख चौराहों पर स्वयं सेवकों ने वर्ष प्रतिपदा का उत्सव मनाते हुए आने जाने वाले लाेगों के माथे पर तिलक लगाकर भारतीय नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। इसके अलावा वर्ष प्रतिपदा उत्सव मनाने के लिए जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए।