रूड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान एवं रैपिड पार्ट्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसे आईआईटी रूड़की में संकाय प्रोफेसर गौरीश बसवराजप्पा की ओर से विकसित किया गया है।
आईआईटी रूड़की में विकसित आविष्कार एक बलून फ़िल्टर है जो आरएफ संचार प्रणाली के दो आवश्यक घटकों अर्थात् बलून एवं फ़िल्टर की कार्यक्षमता को एक फ़िल्टरिंग घटक के भीतर एकीकृत करता है। कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए रैपिड पार्ट्स सॉल्यूशंस (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक कौशिक मंजनबैल ने कहा कि आईआईटी रूड़की से हालिया प्रौद्योगिकी हस्तांतरण वायरलेस प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति लाने के हमारे मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हम विकास एवं विस्तार के लिए नए मार्ग तलाशने की उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए आईआईटी रूड़की के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं और हम आरएफ संचार प्रणालियों के क्षेत्र में अपनी तकनीक की क्षमता से उत्साहित हैं। उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता और नवाचार पर ध्यान देने के साथ, हम इस गतिशील क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने के लिए तैयार हैं। रैपिड पार्ट्स सॉल्यूशंस (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड के साथ सहयोग पर बोलते हुए, आईआईटी रूड़की के कुलशासक प्रायोजक अनुसंधान एवं औद्योगिक परामर्श (स्रिक), प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी ने कहा कि हमारा मिशन शैक्षणिक अनुसंधान एवं उद्योग की जरूरतों के बीच अंतर को पाटना है।
रैपिड पार्ट्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण नवाचार को बढ़ावा देने के प्रति हमारे समर्पण का प्रतीक है जो न केवल वैज्ञानिक समझ को आगे बढ़ाता है बल्कि ठोस तकनीकी प्रगति की ओर भी ले जाता है। वायरलेस संचार तकनीकी विकास में सबसे आगे है। इस प्रौद्योगिकी को स्थानांतरित करके, हमें विश्वास है कि यह अपनी पूरी क्षमता से विकसित होगी। आईआईटी रूड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने कहा कि हमारा मानना है कि यह साझेदारी न केवल रैपिड पार्ट्स सॉल्यूशंस (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड की तकनीकी कौशल को बढ़ाएगी बल्कि वायरलेस तकनीक में भविष्य के अनुसंधान एवं विकास के लिए नए क्षितिज भी खोलेगी।