
Kolkata Rape Case : पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज से जुड़ा एक चौंकाने वाला गैंगरेप का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि कॉलेज परिसर में 25 जून की शाम, एक 24 वर्षीय छात्रा के साथ तीन युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। कोलकाता गैंग रेप पीड़िता ने आपबीती सुनाई।
इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें से एक पूर्व छात्र है और दो वर्तमान छात्र हैं। अदालत ने तीनों को 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।
कॉलेज का परिसर बना अपराध का केंद्र
एफआईआर के अनुसार, यह घटना 25 जून की शाम 7:30 बजे से रात 10:50 बजे के बीच हुई। पीड़िता कॉलेज आई थी ताकि वह अपने एग्जाम फॉर्म भर सके। आरोपियों ने उसे यूनियन रूम में बुलाया और फिर जबरदस्ती गार्ड रूम में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
‘बार-बार मना किया, पैर तक छुए, फिर भी…’
एफआईआर में पीड़िता ने बताया कि उसने बार-बार विरोध किया, रोई, और कहा कि वह रिलेशनशिप में है, लेकिन आरोपियों ने उसकी बात नहीं सुनी। उन्होंने कॉलेज के मुख्य गेट को बंद कर दिया था। उस वक्त गार्ड असहाय था और उसने मदद नहीं की। आरोपियों ने उसे गार्ड रूम में ले जाकर उसके कपड़े उतारे और जबरदस्ती उसके साथ यौन संबंध बनाए। पीड़िता का आरोप है कि इस दौरान, आरोपियों ने उसका वीडियो भी बनाया और धमकी दी कि यदि उसने विरोध किया या किसी को बताया, तो वह वीडियो वायरल कर देंगे।
भागने का प्रयास किया, तो…
पीड़िता ने बताया कि उसने भागने की कोशिश की, तो आरोपियों ने हॉकी स्टिक से मारने की धमकी दी। साथ ही, उसके परिवार और बॉयफ्रेंड को भी जान से मारने की धमकी दी गई।
तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया
मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा (31), जो टीएमसी छात्र परिषद का स्थानीय अध्यक्ष और पूर्व छात्र है, जबकि जैब अहमद (19) और प्रमित मुखर्जी (20) वर्तमान छात्र हैं। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए, दो आरोपियों को तालबगान क्रॉसिंग के पास से और एक को उसके घर से गिरफ्तार किया। सभी के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं। फॉरेंसिक टीम ने कॉलेज पहुंच कर आवश्यक सबूत एकत्र किए हैं। मेडिकल परीक्षण के बाद, आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और अदालत से 1 जुलाई तक की पुलिस रिमांड मांगी गई, जिसे मंजूरी मिली।
वकीलों की दलीलें
अभियोजन पक्ष के वकील सौरिन घोषाल ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में स्पष्ट संकेत मौजूद हैं, जिसके आधार पर कोर्ट ने आरोपियों को हिरासत में लिया है। वहीं, बचाव पक्ष के वकील आजम खान ने कहा कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए, अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।