
नई दिल्ली : दिल्ली की रोहिणी कोर्ट के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (एडीजे) सुनील चौधरी ने अडाणी से जुड़ी रिपोर्टिंग पर रोक के सीनियर सिविल जज के आदेश के खिलाफ स्वतंत्र पत्रकार प्रांजय गुहा ठाकुरता और वेबसाइट न्यूज लाउंड्री की याचिका को डिस्ट्रिक्ट जज (डीजे) के पास ट्रांसफर कर दिया है।
एडीजे सुनील चौधरी ने कहा कि चूंकि कुछ पत्रकारों की ओर से दायर याचिका पर एक दूसरे एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज अंतरिम आदेश दे चुके हैं और इन दोनों याचिकाओं का संदर्भ भी वही है, इसलिए इन्हें भी उसी कोर्ट में भेजा जाए, जहां कुछ पत्रकारों की याचिका सुनी गयी थी। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज सुनील चौधरी ने 23 सितंबर को इन दोनों याचिकाओं को डिस्ट्रिक्ट जज के पास भेज दिया।
एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज आशीष अग्रवाल ने 18 सितंबर को अडाणी से जुड़ी रिपोर्टिंग पर रोक के सीनियर सिविल जज के आदेश पर रोक लगा दी थी। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज ने अपने आदेश में कहा था कि संबंधित पत्रकारों का पक्ष सुने बगैर न्यूज आर्टिकल और वीडियो डिलीट करने का आदेश उचित नहीं था।
सुनवाई के दौरान यूट्यूब पत्रकारों की ओर से वकील वृंदा ग्रोवर और नकुल गांधी ने कहा कि जून, 2024 के आर्टिकल को लेकर एकतरफा निरोधात्मक आदेश हासिल किया गया। आखिर क्या जल्दबाजी थी। दो या तीन दिनों की भी नोटिस क्यों नहीं दी गई। सीनियर सिविल जज को याचिकाकर्ताओं का भी पक्ष सुनना चाहिए था। उन्होंने कहा कि देश में सबसे बड़े मीडिया हाउस चलाने वाली कंपनी कह रही है कि वो इन खबरों से संकट में है। सीनियर सिविल जज के आदेश की वजह से यूट्यूब ने कई वीडियो डिलीट करने को कहा है। वृंदा ग्रोवर ने कहा कि अडाणी इंटरप्राइजेज एक कंपनी है और आर्टिकल किसी व्यक्ति के बारे में बात कर रहा है। आर्टिकल में अडाणी इंटरप्राइजेज के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है।
सीनियर सिविल जज अनुज कुमार सिंह ने 6 सितंबर को अडाणी से जुड़े सभी रिपोर्ट और वीडियो डिलीट करने का आदेश दिया था। उसके बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सभी संबंधित पत्रकारों को नोटिस भेजकर यूट्यूब वीडियो डिलीट करने को कहा था। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सीनियर सिविल जज के आदेश के बाद न्यूज लाउंड्री, अभिसार शर्मा, ध्रुव राठी, रवीश कुमार ऑफिशियल, द देशभक्त, दीपक शर्मा, प्रज्ञा का पन्ना, अजीत अंजुम, एचडब्ल्यू न्यूज इंग्लिश और प्रांजय ऑनलाइन को अडाणी से संबंधित वीडियो हटाने को कहा था।