
जोधपुर : सडक़ हादसों में राहत, जांच और मुआवजा प्रक्रिया को पारदर्शी और त्वरित बनाने की दिशा में पुलिस आयुक्तालय जोधपुर ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गुरुवार को पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) विनीत कुमार बंसल, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रोशन मीना एवं एनआईसी प्रतिनिधि पवन मिश्रा (जिला रोल आउट मैनेजर, एनआईसी जोधपुर) की उपस्थिति में ई-डीएआर पोर्टल का शुभारंभ किया गया।
ई-डीएआर पोर्टल आईआरएडी का अपडेटेड संस्करण है। पहले जहां सडक़ हादसों की केवल रिपोर्टिंग की सुविधा थी, वहीं अब इस पोर्टल में मुआवजा, बीमा दावे और जांच प्रक्रिया को भी जोड़ा गया है। यह पोर्टल सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के सहयोग से विकसित किया गया है। इसके माध्यम से सडक़ दुर्घटना से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं रिपोर्ट दर्ज करने से लेकर राहत एवं मुआवजे तक पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी होंगी।
केंद्रीकृत डेटाबेस होगा तैयार
ई-डीएआर पोर्टल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह देशभर के सडक़ हादसों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस तैयार करता है। इसमें पुलिस, परिवहन विभाग, सडक़ निर्माण एजेंसियां, अस्पताल, न्यायालय और बीमा कंपनियां एक ही प्लेटफॉर्म पर जुड़ी रहेंगी। इससे दुर्घटना के बाद तुरंत सूचना साझा करना संभव होगा, जिससे राहत, उपचार और मुआवजा प्रक्रिया में विलंब नहीं होगा। पोर्टल पर अपलोड किए गए डाटा में घटनास्थल का विवरण, वाहन की जानकारी, घायल या मृतक की स्थिति, बीमा विवरण आदि शामिल होंगे।
इन आंकड़ों के माध्यम से न केवल सडक़ सुरक्षा अभियानों की बेहतर योजना बनाई जा सकेगी बल्कि न्यायालय और बीमा कंपनियों को भी प्रमाणिक डेटा उपलब्ध होगा।










