
- निजी अस्पताल ले जाने वाली निजी एंबुलेंस पर लगनी चाहिए रोक, वाहन नहीं है तो संस्थान एक वाहन खरीद लें
Lucknow : शनिवार को राजधानी में डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का स्थापना दिवस मनाया गया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि यदि किसी गरीब परिवार के किसी व्यक्ति की दुखद मौत हो जाती है तो संस्थान के वाहन से शव उसके घर तक पहुंचा दें। हमारे पास वाहन नहीं है तो संस्थान एक वाहन खरीद लें। निजी एंबुलेंस जो मरीजों को निजी अस्पताल ले जाती हैं, इन पर रोक लगनी चाहिए। पेशेवर ब्लड डोनेशन करने वाले लोग मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं।
इस पर भी रोक लगे। उन्होंने कहा कि हर मरीज के साथ डॉक्टरों का व्यवहार अच्छा हो। हर मरीज को अच्छी सुविधा मिले। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा शामिल हुए।
सीएम योगी ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले डॉक्टरों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का व्यवहार मरीजों के लिए काफी अहम होता है। गरीब परिवारों के प्रति आपकी संवेदना होनी चाहिए। अस्पताल में मरीजों को स्ट्रेचर मिल जाए। वार्ड बॉय उनकी मदद करें।
सीएम ने आगे कहा कि लोगों ने सोशल मीडिया को नजरअंदाज किया। विकास किस तरह बाधित हो जाता है। ये हमने पड़ोसी देश में देखा। आज के युग के अनुरूप हमें हर क्षेत्र में खुद को तैयार करना होगा। मुख्यमंत्री जी ने संस्थान में स्थापित गामा नाइफ (Gamma Knife) तकनीक की भी प्रशंसा की और कहा कि यह प्रदेश के न्यूरो रोगियों के लिए एक बड़ी सौगात है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें अनुसंधान और रोग-निवारण पर ध्यान देना चाहिए तथा तकनीकी संस्थानों के साथ एमओयू कर चिकित्सा उपकरण और डिवाइस विकसित करने चाहिए, जिससे उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य नवाचार के नए अवसर बनेंगे। सेवा पखवाड़ा के दौरान पीएचसी, सीएचसी में आरोग्य मेले लगेंगे। आरएमएल को भी इसमें हिस्सा लेना चाहिए। तमाम घुमंतू जातियां अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखतीं। हमें उन लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना चाहिए। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि लोहिया संस्थान के विस्तार के लिए दूरदर्शन से बात चल रही है। वो जमीन मिलने से यहां का विस्तार हो सकेगा। यह जमीन संस्थान के पास ही उपलब्ध है।
मंत्री मयंकश्वर शरण सिंह ने आह्वान किया कि संस्थान को NIRF रैंकिंग प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए ताकि यह देश के श्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में शामिल हो सके। प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने संस्थान द्वारा शुरू किए गए STEMI CARE कार्यक्रम की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पहल हृदयाघात (हार्ट अटैक) रोगियों की समय पर जान बचाने में एक मॉडल प्रोग्राम बनकर उभर रही है।
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