
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने 143 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. उम्मीदवारों की इस सूची में सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखा गया है; कुल 143 उम्मीदवारों में 24 महिला उम्मीदवारों को मौका दिया गया है, जबकि 18 मुस्लिम उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारा गया है. यह दिखाता है कि पार्टी ने पिछली बार की तुलना में सीटों की संख्या थोड़ी कम रखी है.




सीटों के बंटवारे का मौजूदा गणित
RJD ने आधिकारिक तौर पर कांग्रेस के लिए 55 सीटें छोड़ी थीं, लेकिन खबर है कि कांग्रेस लगभग 65 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है. कांग्रेस ने अब तक 60 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है और बाकी सीटों पर घोषणा का इंतजार है.
इस सूची के जारी होते ही ‘इंडिया’ गठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान खुलकर सामने आ गई है. गठबंधन में शामिल प्रमुख दलों के बीच कुछ सीटों पर सहमति नहीं बन पाई है, जिसके कारण ‘दोस्ताना लड़ाई’ की स्थिति बन गई है.
RJD की सूची में कांग्रेस से टकराव
हालांकि RJD ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के सामने उम्मीदवार नहीं उतारा है, जो गठबंधन की मर्यादा बनाए रखने की दिशा में एक कदम है. मगर, चिंता का विषय यह है कि कम से कम चार सीटों (नरकटियागंज, लालगंज, वैशाली, और कहलगांव) पर RJD और कांग्रेस दोनों ने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. यह उन सीटों पर सीधा टकराव पैदा करता है जहां दोनों दल एक ही गठबंधन के तहत हैं.
कांग्रेस ने 61 वीं सीट पर उम्मीदवार का एलान किया, सुपौल से मिन्नत रहमानी को टिकट मिला है. पहले इस सीट पर कांग्रेस ने युवा नेता अनुपम को टिकट दिया था. लेकिन अनुपम के पुराने सोशल मीडिया पोस्ट वायरल होने लगे, जिसमें उन्होंने कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधा था. इसके बाद पार्टी ने अपना फैसला बदला.
गठबंधन में ‘दोस्ताना संघर्ष’
विशेषज्ञों का मानना है कि RJD द्वारा 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारने और कांग्रेस के 65 सीटों पर लड़ने की तैयारी से यह स्पष्ट है कि गठबंधन के अंदर सीटों की संख्या को लेकर पूरी तरह से सहमति नहीं बन पाई है. जिन चार सीटों पर दोनों दलों के उम्मीदवार आमने-सामने होंगे, उन पर ‘दोस्ताना लड़ाई’ या ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति होगी.