
लखनऊ : एक खुशहाल परिवार घर से निकलता है घूमने के लिए, लेकिन किसे पता था कि रास्ते में मौत उनका इंतजार कर रही है. यहां हम बात कर रहे है आए दिन भारत में बढ़ते बस हादसों की. जिसने परिवार की खुशियों पर ब्रेक लगा दिया है, जिसने कितनो को अनाथ कर दिया। कहीं बस पलटी तो कहीं बस में आग लग गई, लेकिन इन सभी हादसों का जिम्मेंदार कौन है ? भारत में बस हादसे एक गंभीर समस्या बन चुकी है। बता दें कि पिछले कुछ महीनों में कई भयावह घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें आग लगना, टक्कर और पलटना प्रमुख कारण रहे हैं। ये हादसे मुख्य रूप से लंबी दूरी की प्राइवेट बसों से जुड़े हैं, जहां सुरक्षा मानकों की अनदेखी आम है।
NCRB रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में ही सड़क हादसों में 1,80,000 से अधिक मौतें हुईं, जिनमें बस दुर्घटनाओं का बड़ा हिस्सा था। 2025 में यह संख्या बढ़ती नजर आ रही है, खासकर दक्षिण और उत्तरी भारत में। सोशल मीडिया पर लोग जोरो शोरे से इस पर सवाल उठा रहे हैं और सुधार की मांग कर रहे हैं.
अक्टूबर 2025 में देशभर में बस हादसों की एक के बाद एक दर्दनाक घटनाएँ सामने आईं। 24 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के कुरनूल में हैदराबाद-बेंगलुरु रूट पर एक बस मोटरसाइकिल से टकरा गई, जिसके बाद भीषण आग लग गई। हादसे में बस में रखे 234 स्मार्टफोन की बैटरियाँ फट गईं, जिससे स्थिति और भयावह हो गई। इस दर्दनाक दुर्घटना में 20 से 25 लोगों की मौत हो गई, जबकि 18 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। शुरुआती जांच में ओवर-स्पीड, जाम दरवाजे और मोबाइल ब्लास्ट को कारण बताया गया है।
इसी महीने 10 अक्टूबर को राजस्थान के जैसलमेर में एक बस में अचानक आग लग गई, जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई और कई यात्री झुलस गए। हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट और पुरानी वायरिंग बताया गया।
वहीं 7 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश में एक बस भूस्खलन की चपेट में आ गई, जिससे 10 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई और कई लोग लापता हो गए। खराब मौसम और प्राकृतिक आपदा को इस दुर्घटना का कारण माना गया।
वहीं 25 अक्टूबर को आगरा एक्सप्रेसवे पर चलती एसी बस में अचानक आग लग गई। गनीमत रही कि सभी यात्री समय रहते सुरक्षित बाहर निकल आए। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट को कारण बताया गया। वहीं, 24 अक्टूबर को ही उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में ओवरलोडेड बस ने एक बाइक को कुचल दिया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। इस बस का इंश्योरेंस भी एक्सपायर पाया गया।
27 अक्टूबर को राजस्थान के कोटा में तेज रफ्तार बस पलट गई, जिसमें हालांकि कोई मौत नहीं हुई, लेकिन 12 लोग घायल हुए। इसके पिछले दिन यानी 26 अक्टूबर को जोधपुर में बस और कार की टक्कर में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।
इन लगातार हो रहे हादसों ने देश में सड़क सुरक्षा और वाहन रखरखाव की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं आज राजस्थान में मंगलवार 28 अक्टूबर की सुबह एक भीषण सड़क दुर्घटना हो गई। यहां जयपुर ग्रामीण क्षेत्र के मनोहरपुर के पास मजदूरों से भरी एक यात्री बस हाईटेंशन बिजली के तार की चपेट में आ गई।
इस दौरान करंट बस में दौड़ गया जिससे पूरी बस में आग लग गई। बस में आग लगने से करीब 10 मजदूर बुरी तरीके से झुलस गये, जिसमें से दो की इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं पांच की हालात बेहद नाजुक है जिन्हें जयपुर रेफर किया गया है।
वहीं मध्य प्रदेश के सतना जिले के नागौद कस्बे में मंगलवार को एक यात्री बस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बिजली के खंभे से टकरा गई और पलट गई। हादसे में दर्जनभर यात्री घायल हुए हैं, जिनमें कुछ स्कूली छात्राएं भी शामिल हैं। स्थानीय लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घायलों को बस से बाहर निकाला और नागौद सिविल अस्पताल पहुंचाया गया।
ये घटनाएं दर्शाती हैं कि हादसे लगभग हर हफ्ते हो रहे हैं, खासकर राजमार्गों पर। वहीं X पर हाल की पोस्ट्स में कोटा और जोधपुर हादसों के वीडियो वायरल हैं, जहां यूजर्स बसों की फिटनेस और ड्राइवर थकान पर सवाल उठा रहे हैं।
हादसो के पीछे का कारण –
ओवर-स्पीड और ड्राइवर थकान , सुरक्षा मानकों की कमी , तकनीकी खामियां, ओवरलोडिंग और पुरानी बसें, सड़क और मौसम
ये हादसे न केवल परिवारों को तोड़ रहे हैं, बल्कि सार्वजनिक परिवहन पर भरोसे को कमजोर कर रहे हैं। सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए –
• सभी बसों में स्पीड लिमिटर और GPS अनिवार्य।
• नियमित फिटनेस चेक और ड्राइवर ट्रेनिंग।
• इमरजेंसी ट्रेनिंग और बेहतर हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर।
• प्राइवेट ऑपरेटर्स पर सख्त जुर्माना।
यदि ये सुधार नहीं हुए, तो 2025 के अंत तक मौतों की संख्या और बढ़ सकती है।
ये भी पढ़े – देव दीपावली : काशी को वैश्विक सांस्कृतिक केंद्र बनाने की तैयारी, भारत की विविधता से आलोकित होंगे वाराणसी के घाट















