त्योहार पर महंगाई से राहत : ट्रैक्टर से खेती के सामान तक जानें क्या-क्या हुआ सस्ता…देखें लिस्ट

GST Rate Cut: दिल्ली में आज से जीएसटी काउंसिल (GST Council) की दो दिन की बैठक शुरू हो चुकी है, और इस बैठक से किसानों के लिए एक बहुत ही बड़ी खुशखबरी आई है. काउंसिल ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कई खेती से जुड़े सामानों पर जीएसटी की दरों (GST Slabs) को कम कर दिया है. आसान भाषा में कहें तो, अब ट्रैक्टर से लेकर फसल काटने वाली मशीनों तक, सब कुछ सस्ता हो गया है. ये किसानों के लिए दिवाली से पहले आया एक शानदार तोहफा है, जो उनकी जेब पर सीधा असर डालेगा.

ट्रैक्टर और उसके पार्ट्स हुए सस्ते

सबसे बड़ी राहत ट्रैक्टर पर मिली है. पहले ट्रैक्टर पर 12% जीएसटी लगता था, जो अब घटकर सिर्फ 5% हो गया है. सोचिए, अगर आप एक ₹8 लाख का ट्रैक्टर लेते हैं, तो पहले आपको करीब ₹96,000 जीएसटी देना होता था, लेकिन अब सिर्फ ₹40,000 देना होगा. इसका मतलब है ₹56,000 की सीधी बचत!

इसके अलावा, ट्रैक्टर के टायरों और पार्ट्स पर भी GST 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है. ये बहुत ही जरूरी फैसला है क्योंकि ट्रैक्टर के रखरखाव और मरम्मत पर किसानों को अच्छा-खासा खर्च करना पड़ता है. अब ये खर्च भी काफी कम हो जाएगा.

खेती को आसान बनाने वाली मशीनों पर भी टैक्स कम

सिर्फ ट्रैक्टर ही नहीं, बल्कि उन सभी मशीनों पर भी जीएसटी कम किया गया है जो खेती को आसान बनाती हैं.

ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर सिस्टम

ये सिस्टम पानी बचाने में मदद करते हैं. पहले इन पर 12% जीएसटी था, जो अब घटकर 5% हो गया है. इससे कम पानी में भी ज्यादा खेती हो पाएगी और लागत भी कम लगेगी. 

बायो-पेस्टीसाइड और माइक्रो-ऑर्गनिज़्म

 इन पर भी जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है. ये पर्यावरण के लिए भी अच्छे होते हैं और इनसे फसल की क्वालिटी भी बेहतर होती है.

फसल काटने और बुवाई की मशीनें

बुवाई, फसल की कटाई और थ्रेसिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनों पर भी जीएसटी 12% से घटकर 5% हो गया है. इससे किसान अब पुरानी मशीनों की जगह नई और आधुनिक मशीनें खरीद पाएंगे, जिससे उनका काम और तेजी से होगा. 

क्यों लिया गया ये फैसला?

यह फैसला सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “आत्मनिर्भर भारत” और “ईज ऑफ लिविंग” की सोच से जुड़ा है. जीएसटी काउंसिल ने ये दरें कम इसलिए की हैं ताकि किसानों की जिंदगी आसान हो सके. जब किसानों को कम लागत में अच्छे उपकरण मिलेंगे, तो उनकी खेती में मुनाफा बढ़ेगा. इससे देश का कृषि क्षेत्र और मजबूत होगा.

यह वाकई एक ऐतिहासिक फैसला है, जो दिखाती है कि सरकार किसानों की जरूरतों को समझती है. अब किसानों को खेती के सामान के लिए ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ेगा और वे अपनी फसल पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे. यह बदलाव सिर्फ किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा.

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