
इस साल की सबसे बहुप्रतीक्षित और जरूरी फिल्मों में से एक ‘फुले’ अब 25 अप्रैल को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। फिल्म भारतीय समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है। पहले इसे 11 अप्रैल को रिलीज किया जाना था, लेकिन ट्रेलर में दिखाए गए कुछ दृश्यों को लेकर ब्राह्मण समुदाय की आपत्तियों के चलते इसकी रिलीज टाल दी गई।
CBFC ने मांगे थे बदलाव
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने फिल्म को 7 अप्रैल को ‘U’ सर्टिफिकेट प्रदान किया, लेकिन इसके साथ कुछ जरूरी बदलावों के निर्देश भी दिए। जानकारी के अनुसार, फिल्म से ‘महार’, ‘मांग’, ‘पेशवाई’, ‘मनुस्मृति जाति व्यवस्था’ जैसे शब्द हटाने के साथ-साथ एक वॉइसओवर को पूरी तरह डिलीट करने को कहा गया था।
निर्देशक अनंत महादेवन ने बताया कि सभी संशोधन कर दिए गए हैं और फिल्म अब पूरी तरह रिलीज के लिए तैयार है।
प्रतीक गांधी ने रखी अपनी बात
फिल्म में महात्मा फुले की भूमिका निभा रहे प्रतीक गांधी ने कहा, “हमें उम्मीद थी कि फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज होगी, जो फुले जी की 197वीं जयंती के दिन थी। वो एक ऐतिहासिक दिन होता, लेकिन रिलीज टलना दुर्भाग्यपूर्ण रहा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फिल्म का मकसद किसी की भावनाएं आहत करना नहीं, बल्कि फुले दंपति के महान कार्यों को जन-जन तक पहुँचाना है। प्रतीक ने अपील करते हुए कहा, “कुछ डायलॉग्स को नरम किया गया है, लेकिन फिल्म के मूल संदेश से कोई समझौता नहीं किया गया। मेरी लोगों से गुजारिश है कि वे ट्रेलर से राय न बनाएं, पूरी फिल्म देखने के बाद ही निर्णय लें।”
निर्देशक का बयान
निर्देशक अनंत महादेवन ने भी विवाद को “अनावश्यक” बताया और कहा कि फिल्म किसी भी समुदाय को अपमानित करने के लिए नहीं बनाई गई है। उन्होंने बताया कि फिल्म की रिलीज को टालना, एक जिम्मेदार कदम था जिससे बेवजह विवाद से बचा जा सके।
फिल्म की स्टार कास्ट
फिल्म में पत्रलेखा ने सावित्रीबाई फुले का किरदार निभाया है और इसे Zee Studios द्वारा प्रोड्यूस किया गया है। अब यह फिल्म 25 अप्रैल को पूरे देश में रिलीज की जाएगी।