बदलते दौर की हकीकत : क्यों शादी से पहले जांच बन गई है ज़रूरत?

विवाह सात जन्मों का बंधन होता है, जो भरोसे पर चलता है. लेकिन सोनम व मुस्कान जैसे केस सामने आने के बाद इसकी परिभाषा ही बदल गई। इन हाई-प्रोफाइल धोखाधड़ी मामलों ने पति औऱ पत्नी के रिश्तो की पवित्रता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे केस न केवल समाज में भय का वातावरण बना रहे हैं, बल्कि युवाओं को शादी जैसे फैसले से पहले कई बार सोचने पर मजबूर कर रहे हैं।

अब हालात ये हैं कि मध्य प्रदेश सहित देश के कई शहरों में शादी से पहले जांच-पड़ताल कराना एक नया चलन बनता जा रहा है। भोपाल, इंदौर, पुणे, जबलपुर और सिवनी जैसे शहरों में डिटेक्टिव एजेंसियों को शादी से पहले चरित्र, पारिवारिक पृष्ठभूमि और पूर्व संबंधों की जांच के लिए हफ्तों से लेकर 6 महीने तक का समय दिया जा रहा है।

अब पढ़े-लिखे वर्ग में बढ़ रही जांच की मांग

जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि पढ़े-लिखे और दूसरे राज्यों में काम करने वाले लोगों में शादी को लेकर दहशत फैल रही है। ऐसे में अब लोग शादी से पहले संभावित जीवनसाथी के अतीत और चाल-चलन की पूरी छानबीन चाहते हैं, ताकि भविष्य में उन्हें किसी प्रकार की सामाजिक, कानूनी या भावनात्मक परेशानी न उठानी पड़े।

लगातार पुरुषों में बढ़ रहा शादी का डर

पुरुष अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता चंदन अरोड़ा का कहना है, “हमारे पास लगातार पुरुष प्रताड़ना के मामले आ रहे हैं। महिलाएं कई बार दहेज, घरेलू हिंसा और छेड़छाड़ जैसे कानूनों का गलत इस्तेमाल कर रही हैं। नतीजा ये होता है कि पुरुष थाने, कोर्ट और जेल के चक्कर काटते रहते हैं।”

उन्होंने बताया कि इस वजह से अब युवाओं में शादी को लेकर डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है। कई पुरुष अब विवाह से पहले सख्त जांच की मांग कर रहे हैं, ताकि किसी फर्जी केस या धोखे का शिकार न बनें।

भोपाल के रहने वाले 28 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अमित श्रीवास्तव कहते हैं, “अब हम आंख मूंदकर किसी पर भरोसा नहीं कर सकते। रिश्ते से पहले पूरी पड़ताल जरूरी हो गई है।”
इसी तरह इंदौर की वंदना मिश्रा (26) कहती हैं, “यह चलन दोनों पक्षों के लिए जरूरी है, क्योंकि अब धोखा किसी भी ओर से मिल सकता है।”

वकील भारती यादव कहती हैं कि संयुक्त परिवारों के टूटने और एकल जीवनशैली के बढ़ते चलन ने भी वैवाहिक रिश्तों में अस्थिरता ला दी है। अब माता-पिता, पति-पत्नी और बच्चों की जिंदगी अलग-अलग दिशा में बढ़ रही है, जिससे भावनात्मक जुड़ाव कमजोर हो रहा है और झगड़े बढ़ रहे हैं।

डिटेक्टिव एजेंसियों की बढ़ी मांग

मध्य प्रदेश के डिटेक्टिव एजेंसियों के अनुसार, शादी से पहले की जांच अब एक “न्यू नॉर्मल” बनता जा रहा है। एजेंसी संचालक बताते हैं कि जिस तरह से सोनम और मुस्कान जैसे मामले सामने आए हैं, आगे ऐसी मांग और तेज़ी से बढ़ेगी। कई मामलों में लड़के और लड़कियां खुद आकर पूछताछ करवा रहे हैं।

आज के समय में जहां भावनाएं और भरोसा भी धोखे का शिकार हो रहे हैं, वहीं समाज का एक बड़ा हिस्सा अब रिश्तों को लेकर ज्यादा सतर्क हो गया है

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