RBI MPC Meeting 2025 : आरबीआई का बड़ा फैसला! रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, नहीं घटेगी आपकी EMI

RBI MPC Meeting 2025 : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अक्टूबर 2025 में अपनी मौद्रिक नीति में रेपो रेट में कोई कटौती नहीं करने का फैसला किया है। इससे रेपो रेट अभी 5.5 प्रतिशत पर ही बनी रहेगी।

बता दें कि साल 2025 में आरबीआई ने कुल मिलाकर 1 प्रतिशत की कमी की है। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि इस बार आरबीआई का रुख ‘न्यूट्रल’ रहेगा।

विदेश में मौजूद एनआरआई को रुपये में लोन

आरबीआई ने घोषणा की है कि भूटान, नेपाल और श्रीलंका में स्थित बैंक अब एनआरआई को भारतीय रुपये में लोन दे सकेंगे।

फरवरी, अप्रैल और जून में कुल 100 बेसिस पॉइंट्स (1 प्रतिशत) की तीन बार कटौती के बाद अब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आरबीआई ने डिपॉजिट रेट (एसडीएफ) को 5.25 प्रतिशत पर रखा है। वहीं, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) का रेट 5.75 प्रतिशत रहेगा।

जीएसटी रिफॉर्म्स का महंगाई पर असर

गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि जीएसटी में सुधार से महंगाई पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि अगस्त के बाद से अर्थव्यवस्था की स्थिति बदली है। वित्त वर्ष 26 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान पहले के 3.1% से घटाकर 2.6% कर दिया गया है।

ब्याज दरों में कटौती का असर

गवर्नर ने कहा कि खाद्य कीमतों में गिरावट से महंगाई का आउटलुक बेहतर हुआ है। ब्याज दरों में कटौती के प्रभाव दिखने लगे हैं। हालांकि, बाहरी अनिश्चितताओं जैसे टैरिफ और निर्यात में धीमी वृद्धि से आर्थिक गति पर असर पड़ सकता है।

मल्होत्रा के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और दूसरी तिमाही में भी यह रफ्तार जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा नीतियों का प्रभाव देखने के लिए अगले कदमों पर विचार करना सही रहेगा।

रुपये की स्थिति पर नजर

आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार अभी 700.2 अरब डॉलर है, जो 11 महीनों के आयात को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। मजबूत रेमिटांस से चालू खाता घाटे को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है। साथ ही, उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक रुपये की बाजार में होने वाली उतार-चढ़ाव पर नजर रख रहा है। सीआरआर में कटौती से बैंकिंग सिस्टम में तरलता बढ़ेगी और वित्तीय स्थिरता मजबूत होगी।

रिजर्व बैंक का आश्वासन

गवर्नर ने कहा कि रुपये में कुछ गिरावट के बावजूद, भारत का बाहरी क्षेत्र मजबूत बना हुआ है। रिजर्व बैंक स्थिति पर निगरानी रख रहा है और आवश्यक कदम उठाएगा ताकि बाजार स्थिर रहे।

बैंकों के लिए बड़े कदम

रिजर्व बैंक ने क्रेडिट में सुधार के लिए नई योजनाओं का एलान किया है। इनमें भारतीय कंपनियों को अन्य कंपनियों को खरीदने के लिए फाइनेंसिंग का फ्रेमवर्क शामिल है। साथ ही, लिस्टेड डेट सिक्योरिटीज पर कर्ज देने की सीमा को हटा दिया गया है, जिससे लोन आसान हो सके।

शहरी सहकारी बैंकों के लिए योजना

यूसीबी क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, इसलिए रिजर्व बैंक नए यूसीबी बैंक को लाइसेंस देने की योजना बना रहा है। इसके लिए एक चर्चा पत्र भी जारी किया जा सकता है।

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