
रुड़की : दरगाह साबिर पाक पिरान कलियर की प्रबंधक रजिया बेग ने गंभीर वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोपों के बीच पारिवारिक कारणों का हवाला देकर अपना इस्तीफा जिलाधिकारी हरिद्वार को सौंप दिया, जिसे डीएम मयूर दीक्षित ने तुरंत प्रभाव से स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही उन्हें पद से हटाकर सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया।
28 अक्टूबर 2025 को उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की जांच रिपोर्ट में रजिया बेग के कार्यकाल में ठेकों की मंजूरी, धनराशि वसूली और लेखांकन में कई गंभीर गड़बड़ियां उजागर हुई थीं। कई ठेके ई-निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना दिए गए, परफॉर्मेंस सिक्योरिटी जमा कराए बिना ही चार्ज सौंप दिया गया, जिससे दरगाह को वित्तीय नुकसान हुआ।
जांच में यह भी सामने आया कि दो ठेकेदारों से 10,88,578 रुपये की राशि वसूली नहीं की गई, जबकि कुल 2.33 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया वसूली लंबित है। इसके अलावा दरगाह के बैंक खातों में दो लाख रुपये से अधिक नकद जमा कर आयकर नियमों का उल्लंघन भी पाया गया।
स्टॉक रजिस्टर, लेखा पुस्तकों में गड़बड़ियां, ठेकेदारों की अनियमितताओं को छिपाने के प्रयास और नकद प्राप्तियों व वास्तविक आय में अंतर जैसी बातें भी रिपोर्ट में सामने आईं। इसी आधार पर जिलाधिकारी ने पहले ही उनके वित्तीय अधिकार निलंबित कर लिखित स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन संतोषजनक उत्तर न मिलने पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही थी।
इस बीच 18 नवंबर को रजिया बेग ने त्यागपत्र दे दिया। इसे स्वीकार करते हुए डीएम ने निर्देश दिए कि अब दरगाह की पूरी वित्तीय और प्रशासनिक निगरानी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की संभालेंगे। दरगाह से जुड़ी सभी फाइलें, अभिलेख, लेखा पुस्तकें और सरकारी सामग्री तुरंत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपी जाए। साथ ही स्पष्ट किया गया कि अब किसी भी भुगतान, वसूली या वित्तीय लेनदेन की अनुमति केवल उनकी स्वीकृति से ही होगी।














