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नई दिल्ली। भारत की अग्रणी एकीकृत बिजली कंपनियों में से एक हिंदुस्तान पावर के चेयरमैन रतुल पुरी (Ratul puri) ने कहा कि उनकी कंपनी अगले तीन वर्षों में 5 गीगावाट का ऊर्जा पोर्टफोलियो बनाएगी। यह महत्वाकांक्षी योजना भारत के विकास की रणनीति में नवीकरणीय ऊर्जा के योगदान के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। नियोजित विस्तार 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल करने के भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप है और देश के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में एक प्रमुख हिस्सेदार के रूप में हिंदुस्तान पावर की भूमिका को रेखांकित करता है।
कंपनी का लक्ष्य अत्याधुनिक तकनीक से अक्षय और नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाकर एक संतुलित ऊर्जा पोर्टफोलियो बनाना है। इस घोषणा पर हिंदुस्तान पावर के चेयरमैन रतुल पुरी ने अपने विज़न को साझा करते हुए कहा, वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र एक परिवर्तनकारी दौर से गुज़र रहा है और भारत इस बदलाव में सबसे आगे है। हिंदुस्तान पावर ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास सुनिश्चित करते हुए संधारणीय ऊर्जा समाधानों को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। 5 गीगावाट पोर्टफोलियो हासिल करने का हमारा विज़न एक स्वच्छ ऊर्जा भविष्य का निर्माण करने में हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
हिंदुस्तान पावर ने ऊर्जा क्षेत्र में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में अपनी साख बनाई है और भारत के अलावा जर्मनी, इटली, जापान, यूके और यूएस जैसे देशों में सफलतापूर्वक परियोजनाओं को क्रियान्वित किया है। कंपनी का एकीकृत कारोबार नवाचार को संधारणीयता के साथ जोड़ता है, जो इसे वैश्विक ऊर्जा संक्रमण को आगे बढ़ाने में अग्रणी बनाता है।
भारत की जीवाश्म ईधन पर निर्भरता कम करने और 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने की प्रतिबद्धता ने ऊर्जा क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिए एक उपयुक्त वातावरण बनाया है। हिंदुस्तान पावर की रणनीतिक विस्तार योजना राष्ट्रीय जलवायु लक्ष्यों का समर्थन करने और संधारणीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।