
केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली कोलफील्ड में दुर्लभ धातु तत्वों (रेयर अर्थ एलिमेंट्स) के संभावित भंडार पाए गए हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में जानकारी दी। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कोयला और खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने कोयला खदानों के अवशेष में मौजूद रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर शोध और विकास परियोजनाएं शुरू कर दी हैं।
रेयर अर्थ एलिमेंट्स क्या हैं?
रेयर अर्थ एलिमेंट्स, यानी विशिष्ट धात्विक तत्व, जैसे स्कैंडियम, यट्रियम और अन्य, का उपयोग स्वच्छ ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहनों और उन्नत औद्योगिक तकनीकों में किया जाता है। राज्यसभा में प्रस्तुत उत्तर के अनुसार, सिंगरौली कोलफील्ड की गोंडवाना परतों (जैसे कोयला, मिट्टी, शेल, बलुआ पत्थर) में इन तत्वों की सांद्रता की जांच के परिणाम आशाजनक पाए गए हैं।
सरकार की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि कोयले के नमूनों में 250 पार्ट्स पर मिलियन (ppm) तक रेयर अर्थ एलिमेंट्स पाए गए हैं, जबकि गैर-कोयला नमूनों में यह मात्रा 400 ppm तक पहुंच सकती है। हालांकि, इन खनिजों का व्यावसायिक दोहन तकनीकी प्रगति और लागत की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। पूर्वोत्तर भारत के कोलफील्ड में भी इन तत्वों की जांच की गई है, जहां कुल मात्रा कम पाई गई है, लेकिन हेवी रेयर अर्थ एलिमेंट्स की मात्रा अपेक्षाकृत अधिक है।
स्थानीय तकनीक से खनिज निकाले जाएंगे
सरकार ने बताया कि उत्तर-पूर्वी कोलफील्ड की कोयला परतों से महत्वपूर्ण खनिजों को निकालने के लिए स्थानीय तकनीक विकसित की जा रही है। इसमें दो मुख्य रणनीतियां हैं: पहली, फिजिकल सेपरेशन के जरिए गैर-कोल परतों से खनिजों का समृद्धीकरण, और दूसरी, आयन-एक्सचेंज रेजिन तकनीक का उपयोग कर एसिड माइन ड्रेनेज और गैर-कोल परतों से धातुओं का निष्कर्षण।
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