रामपुर : इस्तीफे की धमकी देने वाले विधायक अब खामोश, टांडा की दुकानें टूटीं तो वादा क्यों भूल गए शफीक अंसारी

रामपुर: स्वार-टांडा के विधायक शफीक अहमद अंसारी की, जिन्होंने टांडा में भरी सभा में कह दिया था कि अगर टांडा की दुकानों और मकानों को तोड़ा जाता है तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा। दुकानें टूट गईं लेकिन विधायक ने इस्तीफा नहीं दिया। क्या अपनी बात से मुकर गए विधायक शफीक अहमद अंसारी?

टांडा नगर में हाईवे के किनारे स्थित लगभग 500 दुकानों और मकानों के स्वामियों को पीडब्ल्यूडी की ओर से अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर दुकान और मकान तोड़ने के निर्देश दिए गए थे। इस पर एनडीए के क्षेत्रीय विधायक शफीक अहमद अंसारी ने व्यापारियों के साथ बैठक की और सभी को इंसाफ दिलाने की बात करते हुए यह कह दिया कि अगर दुकानों और मकानों को तोड़ा जाता है तो मैं विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा।

एनडीए सरकार के अपना दल के विधायक होने के बावजूद उन्होंने सरकारी आदेश को आखिर क्यों दरकिनार करते हुए ऐसा बयान दे दिया? अगले दिन प्रशासन की ओर से दबाव बनाया गया, जिस पर लोगों ने स्वयं ही अपने आशियाने और दुकानों को तोड़ना शुरू कर दिया। फिर क्या विधायक शफीक अहमद अंसारी भी शांत होकर बैठ गए?

जनता का हाल जानने पर उन्होंने कहा कि अब हमारी मदद के लिए कोई आगे नहीं आ रहा। विधायक के बयान के बारे में भी लोगों ने उन्हें सियासी बयान बताकर झूठा ठहरा दिया।

तो क्या अब विधायक शफीक अहमद अंसारी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि अब मकान और दुकानें टूट चुकी हैं? या फिर उन्हें अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़ा होना चाहिए?

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