रामपुर : विकास खण्ड स्वार की ग्राम पंचायतों में हो रहा बड़ा फर्जीवाड़ा, मनरेगा योजना में चल रहा खेल

रामपुर। केंद्र सरकार की एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना जिसका नाम मनरेगा रखा गया है, जिसमें गांव के गरीब मजदूर वर्ग के लोगों को मजदूरी देने का कार्य किया जाता है। मनरेगा योजना के तहत गांव के लोगों को गांव से बाहर न जाकर, गांव में ही 100 दिन का रोजगार सरकार की ओर से प्रदान किया जाता है। लेकिन, इस योजना में जिले के कुछ गांवों में अधिकतर फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है।

बताते चलें कि, विकास खंड क्षेत्र के कुछ ग्राम पंचायतों का निरीक्षण किया गया, जिसमें रोजगार सेवक की ओर से मनरेगा की वेबसाइट पर फर्जी तरीके से मस्टरोल लगाकर, एक ही फोटो को कई दिन तक दर्शाकर मजदूरों की मजदूरी निकालने का कार्य किया गया था। इसके अलावा, कुछ स्थानों पर कार्य हुआ ही नहीं था, फिर भी कार्य दिखाकर वेबसाइट पर हाजिरी लगातार लगाई जा रही है।

जिसमें, ग्राम पंचायत डोकपुरी टांडा, सेंटा खेड़ा, चक गजरौला, मुवाना, सीकमपुर भोट बक्काल, कुंवरपुर नानकार, साल्वे नगर, हमीरपुर आदि ग्राम पंचायत में हाजिरी लगातार चढ़ रही है, जबकि कार्य धरातल पर हुआ ही नहीं है। कहीं कार्य हुआ भी है तो उसकी जानकारी नहीं है। जब ग्राम प्रधान से जानकारी ली गई, तो उन्हें इसकी कोई जानकारी ही नहीं थी, जबकि रोजगार सेवक को पूरी जानकारी है। वहीं, मस्टरोल पर ग्राम प्रधान के भी हस्ताक्षर होते हैं।

क्या ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक मिलकर घोटाला कर रहे हैं? अगर यह बात सही है, तो संबंधित अधिकारी चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? वि.ओ.-3 के संबंध में जब डीसी मनरेगा अमित कुमार से बात की गई तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि, “अभी तक मेरे संज्ञान में कुछ ग्राम पंचायतों के मामले सामने आए हैं, जिनमें कुछ पंचायतों में एक ही फोटो कई मस्टरोल में लगा दिए गए हैं। इन मामलों में कार्रवाई करते हुए, उन कार्यों की पेमेंट पर रोक लगा दी गई है।”

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