
Rampur : सपा के कद्दावर नेता मोहम्मद आजम खां मंगलवार को 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए हैं। जिसको लेकर उनके समर्थकों में खुशी की लहर है साथ ही आज़म खां का फिर वही पुराना रूप देखने को मिला। जिसमें आज़म खां के घर आने पर रास्ते में पुलिस से झड़प हो गई थी।
रामपुर पहुंचने के बाद जगह जगह उनका स्वागत किया गया वहीं अपने आवास पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं में दोबारा जोश भर दिया। घर पहुंचकर आज़म खां ने अपने परिवार के साथ समय बिताया तथा समर्थकों से मुलाकात की।
इस बीच अखिलेश यादव ने अपने बयान में कहा कि हम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं और मोहम्मद आजम खां को किस तरह से झूठे मुकदमों में फंसाया गया है यह सब जानते हैं जल्द ही इसका हिसाब लिया जायेगा। जबकि हर बार यही चर्चा में रहा है कि समाजवादी पार्टी की ओर से आजम खां को कोई सपोर्ट नहीं मिल रही है बल्कि यह तक चर्चा रही कि अखिलेश यादव ही नहीं चाहते कि आजम खां जेल से बाहर आयें। आज़म खां को भड़काऊ भाषण मामले में सजा हो गई थी जिसको लेकर उनकी विधायकी रद हो गई थी।
आपको बताते चलें कि मोहम्मद आज़म खां की रिहाई से पहले चर्चा का विषय बन गया कि आजम खां बसपा में जा सकते हैं इस सवाल पर आजम खां ने कह दिया कि जो कह रहा है वही बताएगा मैं इसमें कुछ नहीं कह सकता। इसी बीच बसपा सुप्रीमो मायावती का भी एक बयान आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि पूर्व मंत्री मोहम्मद आज़म खान सीतापुर जेल से ज़मानत पर रिहा हो गए हैं। यह खबर उनकी पत्नी, बच्चों, परिवार के सदस्यों और शुभचिंतकों के लिए राहत भरी है।
पूर्व मंत्री आज़म खान के सपा छोड़कर बसपा में शामिल होने की खबर समाजवादी पार्टी के लिए चिंता का विषय बन गई है। सपा नेताओं के बयानों से यह बात साफ़ ज़ाहिर हो रही है। क्या पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और पूर्व मंत्री मोहम्मद खान एक साथ नज़र आ सकते हैं? रामपुर में टिकट बंटवारे में हुई उपेक्षा और रामपुर में सपा के मौजूदा बड़े नेताओं के व्यवहार को देखते हैं।
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