
अयोध्या। भगवान श्री राम का जन्मोत्सव, राम नवमी 2025, इस बार धूमधाम से मनाया जा रहा है। ठीक अपराह्न 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक किया गया। इस मौके पर अयोध्या में जश्न का माहौल है।
बता दें कि हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है, जो भारतीय हिन्दू कैलेंडर में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
भगवान राम के सूर्य तिलक का क्या है महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम का जन्म पुनर्वसु नक्षत्र, कर्क लग्न और दोपहर के समय हुआ था, जो इस दिन की विशेषता को और भी अधिक गौरवमयी बनाता है। इस अवसर पर अयोध्या के राम मंदिर में सूर्य तिलक की विशेष पूजा का आयोजन किया जाएगा। रामलला की मूर्ति के ऊपर सूर्य की किरणों का अभिषेक करने का यह आयोजन 2025 से अगले 20 वर्षों तक लगातार हर राम नवमी को होगा।
रामलला का कैसे हुआ सूर्य तिलक?
राम नवमी 2025 के दिन अयोध्या स्थित राम मंदिर में एक विशेष ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम तैयार किया गया, जिसके माध्यम से सूर्य की किरणें रामलला की मूर्ति के ललाट पर डाली गईं। दोपहर 12 बजे से शुरू होकर यह प्रक्रिया 12 बजकर 4 मिनट तक चली।
20 वर्षों तक होगा सूर्य तिलक
रामलला के सूर्य तिलक की प्रक्रिया 20 सालों तक हर साल राम नवमी के दिन आयोजित की जाएगी। अगले कुछ वर्षों में, सूर्य तिलक का समय धीरे-धीरे बढ़ेगा, जिससे इस पवित्र आयोजन का महत्व और भी गहरा हो जाएगा। यह श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत अनुभव होगा, जिसे वे न केवल अयोध्या में, बल्कि टीवी के माध्यम से भी देख सकेंगे।