Ramadan 2020: रमजान का रोजा कल से, देश के कई हिस्‍सों में देखा गया चांद

रमजान का चांद शुक्रवार को देखने के बाद शनिवार से पहला रोजा शुरू हो जाएगा। शनिवार को पहला रोजा 14 घंटे 20 मिनट का होगा।

इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए मस्जिदों में शाम के नमाज के बाद होने वाली तरावीह (विशेष पाठ) नहीं अदा की जाएगी। मुस्लिम समुदाय के लोग घरों में ही रह कर इबादत करेंगे।

रमजान का चांद शुक्रवार को देखते ही शनिवार से पहला रोजा शुरू हो जाएगा। शनिवार को पहले दिन सेहरी का समय सुबह 4:07 बजे और इफ्तार का समय शाम 6:27 बजे तक है। इस तरह पहला रोजा 14 घंटे 20 मिनट का होगा। वही रमजान के 30वां रोजा सबसे लंबा लगभग 14 घण्टे 58 मिनट का होगा।

वर्तमान में वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देश ही नहीं पूरे विश्व में मस्जिदों को बंद कर दिया गया है। इस कारण इस बार रमजान में अजान व नमाज के साथ ही तरावीह मस्जिदों में अदा नहीं की जाएगी। हालांकि रस्म अदायगी के लिए पूर्व जारी आदेश का पालन किया जाएगा।

मुसलमान बंधुओं ने बताया कि नेकी की माह रमजान में अल्लाहताला से दुआ करेंगे कि कोरोना के संक्रमण से पूरे देश को निजात मिल सके। इस्लाम धर्म की मान्यता है कि रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं और जहन्नुम के दरवाजे बंद हो जाते हैं। सरकस शयातीन कैद कर दिए जाते हैं।

अल्लाहपाक का फरमान है कि रोज़ा मेरे लिए है और बंदे को इसका बदला खुद मैं अपने हाथों से दूँगा। अल्लाहपाक रोजेदार की दुआ कूबुल करता है। रमजान के पवित्र महीने में गुनाहों से बख्शीश मिलती है। रमजान में मुसलमान ज्यादा से ज्यादा इबादत करके अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं,तौबा इस्तेगफआर करते है। इस महीने में की गई इबादत का बाकी महीनों के मुकाबले 70 गुना अधिक सवाब मिलता है। इसलिए आज हमको चाहिये की इस बाबरकत महीने का सही ढंग से इस्तेमाल करें। ज्यादा से ज्यादा इबादत करे।

इस सम्बंध में मुहम्मद अख़्तर अंसारी ने बताया कि आज तो हमे इस लाकडाउन में कोई ज़्यादा काम भी नहीं है। हमें अपने घरों में रहकर प्रशासन द्वारा बताए गए गए नियमों का पालन करते हुए समय व्यर्थ करने के बजाए हम खूब इबादत करें। अपने रूठे हुए रब को मनाने का जो मौका हमें मिला है उसका हमे सदुपयोग करना चाहिये। हो सकता हमारा रब हमसे रूठ गया है जिसके कारण आज हम इस भयानक महामारी से जूझ रहे है। पूरी दुनिया में आज तबाही व बर्बादी देखने को मिल रही है। आइये आज हम सब मिलकर ईश्वर से यह दुआ करे आज के बाद हम कोई गलत काम नहीं करेंगे, झूट नहीं बोलेंगे। किसी को धोखा नहीं देंगे, गरीबों की मदद करेंगे। इस कोरोना बीमारी से हम सब मिलजुल कर लड़ेंगे।

जिला मुख्यालय स्थित मस्जिदों के साथ ही युसुफपुर, दिलदारनगर, जमानियां, सैदपुर, जखनियां, कासिमाबाद, बहादुरगंज, बहरियाबाद स्थित तमाम मस्जिदों के मौलाना व इमाम द्वारा मुस्लिम बंधुओं से अपील की गई कि लोग अपने घरों में ही इबादत करें घर से बाहर ना निकले। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।

कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में जिला प्रशासन और सख्‍त हो गया है। सभी लोग पहले की भांति घर पर ही नमाज पढ़ेंगे।

जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य ने बताया कि लाकडाउन के चलते मस्जिदों से आजान नहीं होगा। सभी लोग अपने घरों में रहकर नमाज पढ़ेंगे। उन्‍होंने बताया कि सभी लोग घर में ही रहकर नमाज, पूजा-पाठ आदि का कार्य करेंगे। किसी को किसी तरह की छूट नहीं है।

ज्ञातव्‍य है कि आज सुबह डीएम से शहर के मौलाना मिले उसमे जिला प्रशासन ने दो वक्‍त की मस्जिदों से आजान करने की मांग की थी। लेकिन जिलाप्रशासन ने कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के तहत निर्णय लिया कि घर पर ही सभी लोग नमाज पढ़ेंगे।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें