रामस्वरूप यूनिवर्सिटी मान्यता विवाद: हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मांगा जवाब

लखनऊ : बाराबंकी स्थित श्री रामस्वरूप यूनिवर्सिटी को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा दी गई मान्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय (लखनऊ खंडपीठ) में आज हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता पक्ष ने आरोप लगाया कि BCI ने 3 सितंबर 2025 को विश्वविद्यालय को “रातों-रात” मान्यता प्रदान कर दी।

बहस के दौरान अधिवक्ताओं ने न्यायालय से कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 3 सितंबर 2025 को विश्वविद्यालय को जिस गति से मान्यता पत्र जारी किया, वह प्रक्रियागत नियमों के विपरीत प्रतीत होता है। अधिवक्ता अनिमेष उपाध्याय और सिद्धार्थ शंकर दुबे ने तर्क दिया कि सामान्यतः ऐसी मान्यता में विस्तृत जांच और समयबद्ध प्रक्रिया आवश्यक होती है, किंतु इस मामले में “रातों-रात” मान्यता मिल जाना संदेह पैदा करता है।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वह बार काउंसिल से प्राप्त मान्यता पत्र से जुड़ी संपूर्ण जानकारी और दस्तावेज़ प्रस्तुत करे। साथ ही, बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भी नोटिस जारी कर स्पष्ट किया गया कि वह इस विशेष मान्यता प्रक्रिया पर विस्तृत जवाब दाखिल करे।

न्यायालय ने अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित करते हुए कहा कि इस मामले में पारदर्शिता सुनिश्चित करना अनिवार्य है, क्योंकि यह सीधे तौर पर विधि शिक्षा और विद्यार्थियों के भविष्य से जुड़ा हुआ है।

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