राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में बुधवार को हृदय प्रत्यारोपण में दूसरी बार सफल रहा। इसके लिए 23 वर्षीय ब्रेन डेड मरीज के हृदय को दिल्ली यातायात पुलिस की मदद से ग्रीन कॉरिडोर के जरिए गंगाराम अस्पताल से पहुंचाया गया। उसे 19 वर्षीय युवक में सफल प्रत्यारोपण किया गया। मरीज अभी आईसीयू में डॉक्टर की निगरानी में है।
इस जटिल ऑपरेशन को आरएमएल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. विजय ग्रोवर और प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र सिंह झाझरिया के नेतृत्व में डॉ. पलाश अय्यर, डॉ. पुनीत अग्रवाल, डॉ. रंजीत नाथ, डॉ जसविंदर कोहली के साथ करीब दर्जन भर स्टाफ ने छह घंटे में पूरा किया।
कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. विजय ग्रोवर ने बताया कि यह दूसरी बार सफल हृदय प्रत्यारोपण किया गया है। इससे पहले दो साल पूर्व एक सफल प्रत्यारोपण किया गया था। यह उपलब्धि संस्थान के लिए मील का पत्थर है, जिसे आज फिर दोहराया गया है। उन्होंने बताया कि 19 वर्षीय युवक पिछले तीन महीने से हृदय के इंतजार में था। बुधवार को सर गंगाराम अस्पताल में एक 23 साल के व्यक्ति के ब्रेन डेड होने से उसकी मौत हो गई। जिसके बाद मृतक डोनर के किडनी और लिवर को उसी अस्पताल में एक मरीज को दिया गया और उसके दिल को ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से ग्रीन कॉरिडोर के जरिए गंगाराम अस्पताल से लाया गया। बुधवार रात को सर्जरी शुरू की गई जो छह घंटे चली और सफल रही। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह हमारी पूरी टीम के लिए गर्व का पल है क्योंकि हमने दूसरी बार ये महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।
आरएमएल के निदेशक और मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ अजय शुक्ला ने पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि अस्पताल और संस्थान के लिए मील का पत्थर है जो कार्डियोलॉजी की पूरी टीम ने अथक मेहनत से प्राप्त किया है। इस टीम के डॉ. ग्रोवर, डॉ. नरेंद्र और सीटीवीएस टीम, डॉ. जसविंदर के साथ पूरी कार्डियक एनेस्थीसिया टीम, सभी नर्सिंग स्टाफ, ओटी और अन्य कर्मचारियों ने संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए सराहनीय काम करने के लिए बहुत बधाई। यह उपलब्धि आने वाले सालों में भी संस्थान के लिए प्रेरणा के तौर पर रहेगी।