डमी कैंडिडेट से रेलवे गार्ड बना राजेंद्र मीणा बर्खास्त, 12 साल से कर रहा था नौकरी….पढ़े पूरा मामला

राजस्थान के कोटा में रेलवे भर्ती घोटाले का बड़ा खुलासा हुआ है। डमी कैंडिडेट के जरिए रेलवे में नौकरी पाने वाले राजेंद्र मीणा को रेलवे ने 30 जून को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। आरोपी ने 12 साल तक फर्जी पहचान के आधार पर रेलवे गार्ड की नौकरी की।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश?

  • राजेंद्र मीणा को वर्ष 2013 में ग्रुप D पद पर नौकरी मिली थी।
  • 2019 में पदोन्नति के लिए CBT (कंप्यूटर आधारित परीक्षा) में उसकी जगह मनीष मीणा ने डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी।
  • CBI की जयपुर यूनिट ने 12 जून 2025 को इस फर्जीवाड़े का केस दर्ज किया।
  • जांच में दोषी पाए जाने पर रेलवे ने पहले राजेंद्र को निलंबित किया, फिर 30 जून को सेवा से बर्खास्त कर दिया

और कौन-कौन शामिल?

  • इस मामले में मनीष मीणा (बोरखेड़ा, महुआ, दौसा) मुख्य सहयोगी है।
  • टीआरडी विभाग की हेल्पर सपना मीणा और सोगरिया स्टेशन की पॉइंट्समैन आशा मीणा को भी सेवा से हटाया गया
  • इन दोनों की जगह परीक्षा दिल्ली पुलिस की जवान लक्ष्मी मीणा ने दी थी।

दिलचस्प बात यह रही कि सपना मीणा के खिलाफ शिकायत उसके पति मनीष मीणा ने ही की थी। वह लगातार सभी स्तरों पर शिकायत कर रहा था। उसकी शिकायत पर ही सीबीआई ने मामला दर्ज किया और जांच के दौरान राजेंद्र मीणा की सच्चाई भी सामने आ गई।

रेलवे प्रशासन की सख्ती

कोटा रेल मंडल के सीनियर डीसीएम सौरभ जैन ने बताया कि इस तरह के मामलों में “शून्य सहनशीलता” की नीति अपनाई जा रही है। दोषियों को चिन्हित कर बर्खास्त किया जा रहा है ताकि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाया जा सके।

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