
राजस्थान। अलवर में मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के समक्ष एक महिला भावुक होकर फफकने लगी। महिला ने कहा, “पुलिस ने मेरे बेटे को इतनी बुरी तरह से पीटा कि उसने आत्महत्या कर ली।” उसने यह भी बताया कि सुसाइड नोट में पुलिसकर्मियों का नाम होने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। मंत्री ने जवाब दिया, “आप 28 जुलाई को जयपुर आ जाइए, आपको न्याय मिलेगा।”
मामले के अनुसार, अलवर के अमित सैनी (21) ने 9 जुलाई को आत्महत्या कर ली थी। युवक को चोरी के एक मामले में हिरासत में लिया गया था। उसी दिन, अमित जेल से बाहर आया और जहर खा लिया। शनिवार को, अलवर में जिला अधिकारियों की बैठक में भाग लेने आए मंत्री किरोड़ीलाल मीणा से अमित के परिवार वाले मिले।
अमित की मां बीना देवी ने रोते हुए मंत्री से कहा, “सुसाइड नोट में पुलिसकर्मियों के नाम दर्ज हैं, फिर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
शिवाजी पार्क थाना क्षेत्र के निवासी अमित सैनी के अलावा, पुलिस ने एक 16 वर्षीय नाबालिग को भी हिरासत में लिया था। नाबालिग ने बताया कि, पुलिस ने अमित को लॉकअप में बहुत निर्दयता से पीटा। उसे दूसरे कमरे में ले जाकर चार बार मारा गया। उस पर 16 अपराध स्वीकार करने का दबाव डाला गया। लड़के ने कहा, “मैंने पुलिस को बताया कि मैं नाबालिग हूं, फिर भी मेरी उम्र 19 साल लिख दी गई और मुझे लॉकअप में रखकर पीटा गया।”
पुलिस ने अमित का पर्स और मोबाइल भी वापस नहीं किए थे, और अगले दिन आने को कहा था। सुसाइड नोट में, अमित ने तीन पुलिसकर्मियों सहित छह व्यक्तियों के नाम लिखे थे। सदर थाने के एसएचओ रमेश सैनी ने कहा कि, “मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जो भी दोषी पाए जाते हैं।”
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