
भीलवाड़ा : राजस्थान के भीलवाड़ा से अंधविश्वास का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मां के अंधविश्वास ने उसके 9 महीने के मासूम बेटे की जान ले ली। जानकारी के मुताबिक, बच्चे को निमोनिया हो गया था, जिसके बाद मां ने इलाज के बजाय गर्म सलाखों से दागकर इलाज करने की कोशिश की। गंभीर रूप से झुलसे बच्चे को जब अस्पताल पहुंचाया गया, तब तक उसकी हालत बिगड़ चुकी थी। तीन दिन तक इलाज चलने के बाद रविवार दोपहर बच्चे की मौत हो गई।
क्या है पूरा मामला?
भीलवाड़ा के सदर थाना क्षेत्र के ईरांस गांव में 9 महीने के बच्चे को सर्दी-जुकाम और निमोनिया हो गया था। अंधविश्वास में फंसी मां ने बच्चे को गर्म सलाखों से दाग दिया, यह सोचकर कि इससे बीमारी दूर हो जाएगी। लेकिन इससे बच्चे की हालत और ज्यादा खराब हो गई। आनन-फानन में परिजनों ने उसे महात्मा गांधी अस्पताल, भीलवाड़ा में भर्ती करवाया, जहां तीन दिन तक उपचार चला, लेकिन मासूम की जान नहीं बच सकी।
पुलिस और डॉक्टरों का बयान
सदर थाना प्रभारी कैलाश विश्नोई ने बताया कि बच्चे की मौत के बाद पुलिस ने मां के खिलाफ जेजे एक्ट और बीएनएस की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि अपराधी चाहे मां ही क्यों न हो, कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
थाना प्रभारी ने यह भी बताया कि घटना के बाद पिता ने जब पत्नी से सवाल किया तो दोनों के बीच विवाद हुआ। बाद में मां ने अपनी गलती पर पछतावा भी जताया।
अस्पताल प्रशासन की अपील
महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमओ डॉ. अरुण गौड़ ने बताया कि बच्चे को निमोनिया था, लेकिन अंधविश्वास में फंसे परिजनों ने उसे गर्म सलाखों से दाग दिया, जिससे उसकी स्थिति और गंभीर हो गई। उन्होंने लोगों से अपील की कि बीमारी की स्थिति में अंधविश्वास में न पड़ें और तुरंत डॉक्टर से इलाज करवाएं।















