Rajasthan : भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ के हालात, 13 जिलों में स्कूल बंद

जयपुर : राजस्थान में भारी बारिश के कारण प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। मौसम केंद्र जयपुर ने गुरुवार को भी राज्य के अनेक हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई है। इसी को ध्यान में रखते हुए 6 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और 12 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। भारी बारिश की चेतावनी के चलते आज 13 जिलों के स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है।

जयपुर, कोटा, सवाई माधोपुर, टोंक, सीकर, दौसा, भरतपुर और अलवर जिलों के कई इलाकों में बुधवार को 2 से 6 इंच तक बारिश दर्ज की गई। बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव हो गया और अनेक स्थानों पर बाढ़ जैसे दृश्य सामने आए। सवाई माधोपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-552 पर स्थित औगाड़ पुलिया तेज बहाव में बह गई, जिससे सवाई माधोपुर से श्योपुर (मध्य प्रदेश) की ओर जाने वाला मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है।

जयपुर में बुधवार को लगभग पांच घंटे लगातार तेज बारिश हुई, जिसके बाद देर रात तक रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा। तेज बारिश के कारण शहर की सड़कों पर पानी भर गया, कई स्थानों पर सड़कें धंस गईं और कुछ सरकारी भवनों की छतों से प्लास्टर और फॉल सिलिंग भी गिर गई। जलभराव के कारण दिनभर शहर के विभिन्न इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। शाम को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शहर का दौरा कर हालात का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़कों की मरम्मत, जलनिकासी और अन्य समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए। शुक्रवार को भी सुबह से शहर में घने बादल छाए रहे और हल्‍की बूंदाबांदी जारी रही।

दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र में स्थित एशिया का सबसे बड़ा कच्चा मोरेल बांध इस वर्ष भी ओवरफ्लो हो गया है। बांध से लगभग डेढ़ फीट पानी बह रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 में भी यह बांध पूरी तरह भर गया था। वहीं कोटा जिले के इटावा क्षेत्र में पार्वती नदी में तेज उफान आने से राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच संपर्क पूरी तरह कट गया है। इटावा-खातोली मार्ग पर बने नवनिर्मित पुल के ऊपर एक फीट तक पानी बह रहा है, जिसके चलते स्टेट हाईवे-70 (कोटा-ग्वालियर-श्योपुर मार्ग) पर यातायात बंद कर दिया गया है।

पिछले 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक वर्षा जयपुर के शाहपुरा क्षेत्र में 155 मिमी दर्ज की गई। इसके अतिरिक्त कोटपूतली में 112 मिमी, पावटा में 82 मिमी, जमवारामगढ़ में 73 मिमी, माधोराजपुरा में 63 मिमी, जयपुर कलेक्ट्रेट पर 59 मिमी, जेएलएन मार्ग पर 52 मिमी, विराटनगर में 72 मिमी और चौमूं में 50 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। जयपुर के अलावा अलवर के रामगढ़ में 52 मिमी, गोविंदगढ़ में 44 मिमी, भरतपुर के रुदावल में 59 मिमी, करौली के टोडाभीम में 43 मिमी, सीकर के पाटन में 105 मिमी, नीमकाथाना में 45 मिमी, टोंक के पीपलू में 102 मिमी, टोंक शहर में 60 मिमी, निवाई में 44 मिमी और दौसा के बांदीकुई में 63 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

टोंक जिले में स्थित बीसलपुर बांध से अब भी 18 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, हालांकि वर्तमान में बांध के केवल तीन गेट खुले हैं। मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से आया डिप्रेशन सिस्टम जो अब कमजोर होकर लो-प्रेशर सिस्टम में बदल चुका है, उसका असर आगामी 2 अगस्त तक समाप्त हो जाएगा। उन्होंने बताया कि मानसून की ट्रफ लाइन वर्तमान में बीकानेर और सीकर होते हुए गुजर रही है, जिसके कारण गुरुवार को भी कुछ जिलों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। एक अगस्त से प्रदेश में वर्षा की तीव्रता में कमी आने की उम्मीद जताई गई है।

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