
चित्तौड़गढ़ : राजस्थान कांग्रेस में पार्टी हाई कमान ने प्रदेश के छह नेताओं का पार्टी से निष्कासन वापस लेते हुए उनकी पार्टी में वापसी के आदेश जारी किए है। इसके तहत चित्तौड़गढ़ नगर परिषद के पूर्व सभापति संदीप शर्मा को भी कांग्रेस पार्टी में फिर एंट्री मिली है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राजस्थान प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा को पत्र जारी किया था। रंधावा ने राज्य अनुशासन समिति की अनुशंसा पर निष्कासन तत्काल प्रभाव से रद्द करने संबंधी पत्र लिखा था और इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द्र सिंह डोटासरा ने पूर्व सभापति संदीप शर्मा सहित अन्य कांग्रेस नेताओं का निलंबन खत्म करते हुए वापस पार्टी में शामिल किया है। इसका आदेश आने के बाद संदीप शर्मा के समर्थकों में खुशी देखी गई है। वहीं शर्मा ने शुक्रवार दोपहर निंबाहेड़ा पहुंच पूर्व सहकारिता मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष उदयलाल आंजना का आभार जताया। आंजना का माला पहना कर स्वागत किया।
यौन शोषण के आरोप लगने से हुआ था
पूर्व सभापति संदीप शर्मा पर एक विवाहिता द्वारा लगातार कुछ सालों तक बहला-फुसला कर यौन शोषण करने के आरोप लगाये थे। पूर्व सभापति खिलाफ सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। चित्तौड़गढ़ में कई ऑडियो और वीडियो वायरल होने के बाद एक जनप्रनिधि से जुड़ा मामला होने से यह चर्चाओं में रहा था और पुलिस के चार अधिकारियों की ओर से मामले की जांच की थी। इस दौरान पूर्व सभापति ने उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी पर रोक के आदेश प्राप्त किये थे। वहीं हाल ही में पुलिस द्वारा मामले पर एफआर प्रस्तुत की थी। संभवतया इसी के बाद निवर्तमान सभापति की पार्टी में एंट्री हो पाई है।
आंजना ने प्रदेश नेतृत्व तक पहुंचाई मेरी बात
इधर, पूर्व सभापति संदीप शर्मा ने बताया कि मुझ पर लगाए आरोप निराधार थे। प्रदेश नेतृत्व ने मुझे सुने बिना निष्कासित कर दिया। जांच से साफ हो गया कि मुझ पर राजनीतिक दबाव में मुकदमा करवाया जो अब खत्म हो चुका है। पार्टी का सिपाही आगे भी रहूंगा, इस भावना से जब मैंने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को अवगत करवाया। पूर्व सहकारिता मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस के अनुशासन समिति के अध्यक्ष उदयलाल आंजना ने मेरी बात को वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचाई।