Rajasthan Assembly : विधानसभा में गूंजा विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना का मामला, विपक्ष ने उठाए सवाल

बुधवार को राजस्थान विधानसभा में विदेश में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए चलाई जा रही विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना का मामला चर्चा में आया। कांग्रेस के सचेतक रफीक खान ने सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि इस योजना के तहत कितने छात्रों को लाभ मिल रहा है और इसके लाभार्थियों का आंकड़ा सदन में पेश किया जाए। इसके साथ ही, रफीक खान ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने कांग्रेस के शासनकाल में शुरू की गई राजीव गांधी स्कॉलरशिप योजना का नाम बदलकर विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना कर दिया।

इस पर उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने सदन में जानकारी दी कि वर्तमान में 308 बच्चों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। हालांकि, रफीक खान ने सरकार के लिखित और मौखिक जवाब में फर्क पर सवाल उठाते हुए फिर से इस पर बहस की।

वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक गंभीर सवाल उठाया कि क्या स्कॉलरशिप का भुगतान समय पर नहीं होने के कारण विदेश में पढ़ रहे छात्रों को भीख मांगने जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है? इस आरोप पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने आपत्ति जताई और हंगामा कर दिया।

प्रेमचंद बैरवा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उन्होंने कभी भी कोई ठोस पॉलिसी नहीं बनाई, जबकि उनकी सरकार ने इस योजना में 10 आंशिक संशोधन कर इसे और बेहतर बनाया है।

इसके बाद बीजेपी विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने उदयपुर संभाग में नदियों को जोड़ने और संरक्षित करने से संबंधित सवाल पूछा। जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने इस पर लंबा लिखित जवाब दिया। बीजेपी विधायक ने सरकार को धन्यवाद देते हुए जवाब को सराहा।

इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने चुटकी लेते हुए कहा कि बीजेपी विधायक ने जो सवाल किए, उनका कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं आया, फिर भी उन्होंने सरकार को धन्यवाद दे दिया। इस पर मंत्री ने जवाब देते हुए कहा, “जैसा सवाल पूछा गया, वैसा ही जवाब दिया गया।”

इस प्रकार, विधानसभा में स्कॉलरशिप योजना और जल संसाधन के मुद्दे पर गहमागहमी रही, जिसमें विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।

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