महाराष्ट्र में राज ठाकरे ने उद्धव केो साथ गठबंधन पर लगाया ब्रेक! MNS ने कहा- ‘सीट बंटवारे पर नहीं बनी सहमति’

Raj Thackeray-Uddhav Thackeray Alliance : बॉम्बे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) चुनाव से पहले राजनीतिक हलकों में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के गठबंधन की अटकलें तेज हो गई थीं। हालांकि, मनसे ने अभी तक सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति नहीं बनने के कारण इस गठबंधन की घोषणा को टालने का संकेत दिया है।

सूत्रों के अनुसार, आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के बीच लगभग गठबंधन तय माना जा रहा था। खबरें थीं कि दोनों नेता बुधवार, 24 दिसंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने साथ आने का औपचारिक घोषणा कर सकते हैं। लेकिन, अब मनसे की ओर से इस बात पर ब्रेक लगा दिया गया है कि जब तक सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता और दोनों पक्ष सहमति नहीं बना लेते, तब तक गठबंधन की आधिकारिक घोषणा नहीं की जाएगी।

अभी भी सीटों पर चल रही है बातचीत

माना जा रहा है कि शिवसेना और मनसे के बीच गठबंधन की घोषणा कब होगी, इसको लेकर उत्सुकता बनी हुई है। हालांकि, सीटों का बंटवारा अभी भी अंतिम रूप नहीं ले पाया है। कई सीटों पर दोनों पक्षों के बीच मतभेद हैं, जिन्हें सुलझाने के प्रयास जारी हैं। सूत्रों के मुताबिक, चर्चा है कि कुछ सीटों पर अभी भी सहमति बनाने के लिए बातचीत चल रही है, इसलिए गठबंधन का ऐलान फिलहाल टाल दिया गया है।

मनोंस का रुख है कि जब तक सीट शेयरिंग पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता और मतभेद हल नहीं हो जाते, तब तक गठबंधन की कोई भी घोषणा नहीं की जाएगी। इससे राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है और विपक्षी दल भी इस मुद्दे को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

ठाकरे भाइयों में कहां बन रही असहमति?

सूत्रों के अनुसार, MVA (महागठबंधन) में मुंबई के अमराठी विभागों पर चर्चा चल रही है। विशेष रूप से घाटकोपर, कांदिवली, बोरिवली, मुलुंड जैसे इलाकों में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत हो रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, राज ठाकरे की मनसे को लगभग 65-70 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना के पास लगभग 145 से 150 सीटें हो सकती हैं। इसके अलावा, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और समाजवादी पार्टी (SP) को 10-12 सीटों का भरोसा दिया गया है।

अभी भी जारी है अंतिम सहमति की प्रक्रिया

सूत्रों का कहना है कि मतभेदों को सुलझाने के प्रयास जारी हैं, और जब तक यह मतभेद हल नहीं हो जाते, तब तक गठबंधन की घोषणा नहीं की जाएगी। दोनों पक्ष चाह रहे हैं कि अंतिम निर्णय जल्द हो, लेकिन अभी भी कुछ सीटों पर बातचीत लंबित है।

यह गठबंधन अगर पूरा होता है, तो इससे मुंबई की राजनीति में नई हलचल मच सकती है, और विपक्षी दल भी इस गठबंधन को लेकर अपनी रणनीति बना सकते हैं। फिलहाल, राजनीतिक दलों की नजरें आगामी BMC चुनाव पर टिकी हुई हैं, जहां यह गठबंधन संभावित रूप से मजबूत मुकाबले का संकेत दे सकता है।

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