
देहरादून । उत्तराखंड के देहरादून जिले में एक बार अतिवृष्टि ने कहर बरपाया है। सहस्त्रधारा के पास कार्लीगार्ड व मण्झारा गांव के बीच बाढ़ और बारिश जनित घटनाओं में 13 लोगों की मौत हाे गई है जबकि 16 से अधिक लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं। लापता लाेगाें की खाेज के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। इस आपदा से काफी नुकसान हुआ है। इस बीच मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्य में और तेजी लाने और प्रभावितों को हरसंभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। बताया गया कि सहस्त्रधारा से 3 किमी आगे कार्लीगार्ड व मण्झारा गांव के बीच गाढ़, जो सहस्त्रधारा नदी में मिलती है, में अचानक बाढ़ के साथ मलबा आ जाने से लगभग 2-3 मकान व कुछ रिसोर्टस दब गए हैं। यहां दो से तीन लोग के मलबे में दबे होने की संभावना है। राहत एवं बचाव टीमें लगातार रेस्क्यू में लगी हैं। दोपहर में झड़ीपानी में एक मकान के ऊपर मलबा आने एक व्यक्ति के माैत हाे गई और एक घायल हो गया। इसके अलावा डीआईटी कॉलेज, राजपुर रोड केनिकट मसूरी डायवर्जन के पास पानी में बहे छात्र का शव बरामद कर लिया गया है। देहरादून की भगत सिंह कॉलोनी में भी एक व्यक्ति की पानी की तेज प्रवाह में बह गया। राजपुर शिखर फॉल के पास भी दाे व्यक्तियों की बहने व टपकेश्वर में एक व्यक्ति की बहने खबर है। इसके अलावा तहसील-कालसी के अंतर्गत स्थान जजरेट के पास पहाड़ी से पत्थर गिरने एक व्यक्ति की माैत हुई है। कैनाल रोड काठबंगला मे नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण एक मकान बह गया है। यहं कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रशासन ने तुरंत यहां के घरों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया दिया है। अब नदी का जलस्तर कम हो रहा है। इसके अलावा कई लोग नदी नालों का प्रवाह बढ़ने से फंस गए थे, जिन्हें सुरक्षित बचा लिया गया है। ट्रैक्टर नदी में बहा पांच शव बरामद प्रेमनगर क्षेत्रांतर्गत परवल में एक ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर टोंस नदी में बह गया। ट्रैक्टर में लगभग 15 लोग सवार होने की बात कहीं गई है। यहां बचाव टीम ने अब तक सर्च ऑपरेशन के दौरान पांच शव बरामद किए हैं। सरकारी एवं निजी परिसंपत्तियों का भी भारी नुकसान जिला आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार देहरादून में अतिवृष्टि के कारण 13 लाेगाें की माैत हुई है। इसके अलावा तीन व्यक्ति घायल हैं और 16 लाेग लापता हैं। इसके अलावा कई सरकारी एवं निजी परिसंपत्तियों का भी भारी नुकसान हुआ है। इनमें देहरादून जनपद के सभी विकासखंडो में 13 पुल, 10 पुलिया, दाे मकान, 31 दीवार, दाे अमृत सरोवर, 12 खेत, 12 नहर, 21 सड़कें, सात पेयजल योजना, आठ हॉज और 24 पुस्ता आदि परिसंपत्तियों का भारी नुकसान हुआ है। जिलाधिकार सविन बंसल ने देहरादून शहर के मालदेवता, सहस्रधारा, मजयाडा, कार्लीगाड आदि आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दाैरा कर मौजूदा स्थिति और क्षति का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने पीड़ित परिवारों से भेंट कर उन्हें हरसंभव मदद पहुंचाने का भरोसा दिया। निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह और सीडीओ अभिनव शाह भी उनके साथ मौजूद रहे।
देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से लैंडस्लाइड
देहरादून के माजरी गांव में घरों के अंदर पानी घुसाVIDEO | Dehradun: Cloudburst in Sahastradhara triggers landslide; visuals show debris rolling down the hillside.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 16, 2025
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/tzVIO71Aau
सहस्त्रधारा से लोगों का पलायन, सड़कों को भारी नुकसान#WATCH | Dehradun, Uttarakhand | Naib Tehsildar Rajendra Singh Rawat says, "Overflowing water has entered many houses in Mazri village. A lot of damaged trees in the water had blocked the flow of water…Rescue and relief work is ongoing here. We have sent a team to assess… pic.twitter.com/bNNVtkN4xf
— ANI (@ANI) September 16, 2025
#WATCH | Uttarakhand: A local resident says, "… I was on duty last night when this happened. After that, children spent the night in the temple… For now, I'm shifting my family for safety… The roads have been totally damaged…" https://t.co/YMfg3tmEtL pic.twitter.com/VQkq4Sfxkf
— ANI (@ANI) September 16, 2025
राहत एवं बचाव कार्यों में नहीं छोड़ी जाएगी कोई कसर : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास के सचिव से मंगलवार काे देहरादून व प्रदेश के अन्य जनपदों में सोमवार रात अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी ली और युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव भी आपदा कंट्रोल रूम में डटे रहे और लगातार अपडेट लेते रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को अतिवृष्टि से प्रभावित देहरादून जनपद के मालदेवता क्षेत्र एवं केसरवाला का स्थलीय निरीक्षण कर वहाँ की स्थिति का जायज़ा लिया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की गति तेज करने के निर्देश अधिकारियों को दिए तथा स्थानीय नागरिकों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण जो लोग भी प्रभावित हुए हैं, उन्हें तत्काल हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए, जो लोग लापता हुए हैं, उनकी तलाश के लिए युद्धस्तर पर कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार सभी प्रभावित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए की राहत और बचाव कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। अधिकारी प्रभावित क्षेत्र का दौरा करें और लोगों की समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने आने वाले दिनों में भी मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट को देखते हुए सभी जनपदों में विशेष सतर्कता बरते जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति पर नजर रखने व विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों, पुलों एवं सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे आमजन के जीवन पर भी व्यापक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने निर्देश दिए कि अवरुद्ध मार्गों को शीघ्र चालू किया जाए, सुरक्षित पेयजल व बिजली की आपूर्ति तत्काल सुनिश्चित की जाए। उन्हाेंने कहा कि शासन व प्रशासन की टीम निरंतर फील्ड में सक्रिय है और सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ राहत, बचाव व पुनर्वास कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए आपदा से निपटने हेतु विशेष सतर्कता बरती जा रही है। स्थलीय निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, अपर सचिव बंशीधर तिवारी सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इसी बीच मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास के सचिव विनाेद कुमार सुमन से आपदा की अद्यतन जानकारी ली। मुख्यमंत्री राज्य आपदा परिचालन केंद्र और विभिन्न जिलों की परिस्थितियों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं एवं सभी जिलाधिकारियों के साथ नियमित संपर्क बनाए हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों के प्रत्येक नागरिक की समस्याओं को तात्कालिक प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए। मुख्य सचिव पहुंचे कंट्रोल रूम राज्य में हो रही लगातार अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित विभागों एवं जिलों के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली और राहत, बचाव एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इस माैके पर मुख्य सचिव बर्द्धन ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण अनेक क्षेत्रों में सड़कें, पुल और अन्य सार्वजनिक परिसंपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि अवरुद्ध मार्गों को शीघ्र खोला जाए, पेयजल, बिजली और दूरसंचार सेवाओं को प्राथमिकता पर बहाल किया जाए। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं एवं आवश्यक राहत सामग्री की आपूर्ति तत्काल सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने बताया कि पुष्कर सिंह धामी स्वयं आपदा की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री ने देहरादून जिले के मालदेवता और केसरवाला क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की है तथा प्रभावित नागरिकों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया है। मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि शासन और प्रशासन की टीमें फील्ड में पूरी सक्रियता के साथ कार्य कर रही हैं। नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए प्रभावित नागरिकों की समस्याओं का तत्काल समाधान करें। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास के सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से जिलों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा जा रहा है, ताकि जलभराव, भूस्खलन, मार्ग अवरोध और अन्य समस्याओं की त्वरित जानकारी मिल सके और उनके समाधान हेतु तत्काल कार्रवाई की जा सके। पेयजल, बिजली, संचार सेवाओं और चिकित्सा सहायता जैसे आवश्यक विषयों पर प्राथमिकता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
तेलंगाना- पेड्डापल्ली की मनेरू नदी में बाढ़, 10 मजदूर फंसे, सभी का रेस्क्यू
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़, 5 हजार लोग प्रभावितVIDEO | Telangana: Ten sand miners stranded by sudden flood in Maneru stream safely rescued in Peddapalli
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हरियाणा के सिरसा में जलघर में डूबने से व्यक्ति की मौतVIDEO | West Bengal: Teesta river overflows, 5,000 people affected in Jalpaiguri.
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बिहार के मुंगेर में बाढ़, गंगा खतरे के निशान से 2 CM नीचेVIDEO | Dehradun, Uttarakhand: Farmers stranded, students suffer as Maldevta Road washed out.
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Cloudbursts and heavy rains overnight left a trail of destruction in Uttarakhand's capital Dehradun and its neighbouring areas on Tuesday, sweeping away at least five people and… pic.twitter.com/sNlVjsW3mI

बिहार के मुंगेर में भारी बारिश के बाद 33 गांव बाढ़ की चपेट में है। इससे 2 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। वहीं जिले में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से महज 2 सेंटीमीटर नीचे है।
वहीं मंगलवार सुबह पटना में तेज बारिश हुई और रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है। साथ ही नवादा, नालंदा, मुंगेर. अररिया, समस्तीपुर और जमुई में भी सुबह में बारिश हुई है।
हिमाचल में 650 सड़कें बंद, 409 लोगों की मौत
हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश के कारण तीन नेशनल हाईवे समेत 650 सड़कें और 1205 डीटीआर बंद हैं। राज्य में 87 पुल टूट गए हैं। वहीं पिछले 24 घंटों में बारिश के बाद 160 पेयजल आपूर्ति योजनाएं ठप हो गई हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि 20 जून से बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 409 लोगों की मौत हो चुकी है। कई जिलों में 473 लोग घायल और 41 लापता हैं। 2100 से ज्यादा जानवर मारे गए।
राज्य में बारिश-लैंडस्लाइड से अब तक 5164 घर पूरी तरह से टूट गए हैं और 2743 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 899 दुकानें, 2001 गौशालाएं और 4297 मजदूरों के कच्चे घर भी टूट गए हैं। अबतक कुल 4,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का आर्थिक नुकसान हुआ है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के केसरवाला, मालदेवता क्षेत्र में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और लैंडस्लाइड वाले रास्तों पर टूरिस्ट के जाने पर रोक लगाने के निर्देश दिए।
महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं बारिश के बाद कई इलाकों में पानी भर गया, जिससे यहां फंसे 120 से लोगों का रेस्क्यू किया गया। सोमवार को मराठवाड़ा के आठ में से पांच जिलों में भारी बारिश हुई, जिसमें बीड में सबसे ज्यादा 143.7 मिमी, फिर नांदेड़ में 131.6 मिमी और जालना में मंगलवार सुबह तक 121.4 मिमी बारिश हुई। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि NDRF और अन्य बचाव दल प्रभावित जिलों में लोगों को निकालने में लगे हुए हैं।
