आजादी के 78 साल बाद मिजोरम पहुंची रेल लाइन…पीएम मोदी दिखाएंगे हरी झंडी

लखनऊ : आजादी के 78 साल बाद मिजोरम की राजधानी आइजोल अब रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएगी। केंद्र सरकार ने बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन तैयार कर दी है, जो स्थानीय लोगों के लिए लाइफलाइन साबित होगी और व्यापार को भी नई दिशा देगी। 13 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रेलवे लाइन का उद्घाटन करेंगे।

परियोजना की जानकारी

  • शुरुआत: इस प्रोजेक्ट का खाका 1999 में तैयार हुआ।
  • चुनौतियां: दुर्गम पहाड़, घने जंगल और भारी बारिश ने शुरुआती सर्वे को मुश्किल बनाया।
  • नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा: 2008–09 में मिला।
  • शिलान्यास: 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने किया।
  • लंबाई: 51 किलोमीटर
  • स्टेशन: हार्तुकी, कौनपुई, मुलखांग और सैरांग
  • सुरंग: 48 सुरंगें (कुल लंबाई 12.8 किमी)
  • ब्रिज: 55 बड़े और 87 छोटे ब्रिज; सबसे ऊंचा ब्रिज नंबर 196, 104 मीटर, कुतुब मीनार से भी ऊंचा (72.5 मीटर)
  • ट्रैक स्पीड: 110 किलोमीटर प्रति घंटा
  • लागत: ₹8071 करोड़

अहम फायदे

  • यात्रा आसान: बैराबी से आइजोल तक अब सिर्फ 1–1.5 घंटे का सफर, पहले 5–6 घंटे लगते थे।
  • राष्ट्रीय कनेक्टिविटी: कोलकाता, अगरतला और दिल्ली के लिए ट्रेनें चलेंगी।
  • भौगोलिक चुनौती: साल में केवल 4–5 महीने ही निर्माण संभव था; भारी मशीनरी छोटे हिस्सों में साइट पर लाई गई।
  • सामाजिक-आर्थिक विकास: नॉर्थ ईस्ट के 8 राज्यों में से अब मिजोरम समेत 4 राज्य सीधे रेलवे नेटवर्क से जुड़े।

इंजीनियरिंग उपलब्धि

  • दुर्गम पहाड़ियों, जंगल और बारिश के बावजूद 48 सुरंगें और 55 बड़े ब्रिज बनाए गए।
  • नंबर 196 ब्रिज 104 मीटर ऊँचा, जो दिल्ली की कुतुब मीनार से भी ऊँचा है।
  • पूरे रूट पर रेल ट्रैक की स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा है।

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