
Bhopal : मध्यप्रदेश शासन के मंत्री विश्वास सारंग ने रविवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार-वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए युवा कांग्रेस के चुनाव में जमकर वोट चोरी हुई है। राहुल गांधी देशभर में वोट चोरी के मिथ्या आरोप लगा रहे हैं, जबकि उनकी अगुवाई वाली कांग्रेस पार्टी के अंदर ही वोट चोरी हो गए हैं।
राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस की वोट चोरी की है। राहुल गांधी की अगुवाई में मध्यप्रदेश में युवा कांग्रेस के चुनाव कराए गए, जिसमें वोट चोरी हुए। राहुल गांधी बताएं मध्यप्रदेश में युवा कांग्रेस चुनाव में साढ़़े 8 लाख वोट होल्ड और रिजेक्ट किए, यह किसने चुराए। उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या यह वोट राहुल गांधी के इशारे पर चोरी हुए हैं? कांग्रेस नेताओं ने मध्यप्रदेश में युवा कांग्रेस के चुनाव में वोट चोरी कर किसान के बेटे अभिषेक परमार को हराया और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लखन घनघोरिया के बेटे यश को चुनाव में जिताया।
कांग्रेस पार्टी का यह चुनाव भी वंशवाद और परिवारवाद की राजनीति की भेंट चढ़ गया है। इस चुनाव ने भी कांग्रेस की परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति को स्थापित किया है। मध्यप्रदेश के युवाओं से रजिस्ट्रेशन और चुनाव लड़ने के नाम पर जो साढ़े 8 करोड़ वसूले गए हैं वह उनके माता-पिता की गाढ़ी कमाई के पैसे हैं। राहुल गांधी बताएं कि आखिर साढ़े 8 करोड़ रूपए पर पर डाका किसने डाला और किसके इशारे पर डाला गया है। मैं कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से पूछता हूं कि जब लोकतंत्र का मखौल ही उड़ाना था तो युवा कांग्रेस चुनाव के लिए रजिस्ट्रेशन कराकर मध्यप्रदेश के भोलेभाले युवाओं से पैसे क्यों वसूले। राहुल गांधी जब से कांग्रेस का चेहरा बने हैं, तबसे कांग्रेस पार्टी लगातार चुनाव हार रही है। राहुल गांधी सुर्खियां बटोरने के लिए लोकतांत्रित व्यवस्थाओं पर तथ्यहीन, झूठे और मनगढंत आरोप लगा रहे हैं।
सारंग ने कहा कि युवा कांग्रेस चुनाव में उम्र सीमा 18 से 35 वर्ष निर्धारित की गई थी, लेकिन अशोक नगर जिले के चंदेरी विधानसभा के निवासी 44 वर्षीय संतोष सिंह को मतदान के लिए पात्र कर दिया। इसी तरह अंजुम खान भी सदस्य बनीं, जिनकी उम्र मतदाता सूची के आधार पर 36 साल है। चंद उदाहरण बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी के अंदर कोई लोकतंत्र नहीं है। साथ ही यह भी सिद्ध होता है कि कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रित व्यवस्था पर विश्वास नहीं करती। कांग्रेस पार्टी ने युवा कांग्रेस चुनाव के लिए सदस्य बनाने प्रति व्यक्ति 50 रूपए पंजीयन शुल्क रखा था। 15 लाख लोगों ने युवा कांग्रेस चुनाव के लिए पंजीयन कराया, यानी साढ़े 7 करोड़ रूपए कांग्रेस पार्टी ने पंजीयन के नाम पर गरीबों और किसानों के बेटे-बेटियों से वसूल लिये। युवा कांग्रेस का चुनाव करीब 4 हजार लोगों ने लड़ा, जिससे कांग्रेस पार्टी ने 1 करोड़ रूपए वसूले, यानी कांग्रेस पार्टी ने युवा कांग्रेस के चुनाव के नाम पर साढ़े 8 करोड़ रूपए मध्यप्रदेश के गरीब परिवार के लोगों से वसूले। नतीजा यह निकला कि 5 लाख वोट रिजेक्ट कर दिए गए और साढ़े 3 लाख वोट होल्ड कर दिए गए। इस तरह कुल साढ़े 6 लाख लोगों को ही वोट के लिए पात्र बताया गया।
सारंग ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा लगाए जा रहे वोट चोरी के आरोप सिर्फ जुमलेबाजी हैं। वह मध्यप्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने के लिए इस तरह के तथ्यहीन और निराधार आरोप लगा रहे हैं। राहुल गांधी जब से कांग्रेस का चेहरा बने हैं, तबसे कांग्रेस पार्टी लगातार चुनाव हार रही है। जुमलेबाजी करना राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं की आदत बन चुकी है। राहुल गांधी ने अब तक लोकतांत्रिक व संवैधानिक संस्थाओं पर जितने भी आरोप लगाए हैं, एक भी साबित नहीं कर पाए हैं। मतदाता सूची को लेकर लगाए जा रहे आरोप भी निराधार साबित हुए हैं। मैंने पहले भी यह स्पष्ट किया था कि देश के संविधान में यदि आपको वोटर लिस्ट या चुनाव से संबंधित कोई दिक्कत है तो इसकी शिकायत का प्रावधान और प्रक्रिया है, लेकिन आज तक कांग्रेस ने चुनाव आयोग को कोई शिकायत नहीं की। किसी भी अदालत में कोई याचिका दायर नहीं की, यानी राहुल गांधी स्वयं जानते हैं कि अगर मैं अदालत गया तो मेरी झूठ का भांडा फूट जाएगा, इसलिए वह सिर्फ आरोप लगाते हैं। देशभर में घूम-घूमकर वोट चोरी के आरोप लगाने वाले राहुल गांधी मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी के अंदर हुए वोट चोरी को लेकर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
मैं कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से पूछता हूं कि जब लोकतंत्र का मखौल ही उड़ाना था तो युवा कांग्रेस चुनाव के लिए रजिस्ट्रेशन कराकर मध्यप्रदेश के भोलेभाले युवाओं से पैसे क्यों वसूले। मध्यप्रदेश के युवाओं से रजिस्ट्रेशन और चुनाव लड़ने के नाम पर जो साढ़े 8 करोड़ वसूले गए हैं वह उनके माता-पिता की गाढ़ी कमाई के पैसे हैं। राहुल गांधी बताएं कि आखिर साढ़े 8 करोड़ रूपए पर पर डाका किसने डाला और किसके इशारे पर डाला गया है।















